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आप भी अगर इंटरनेट पर ‘प्‍यार’ की तलाश कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं,कुछ जरूरी सावधानियां बरतें

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आप भी अगर इंटरनेट पर ‘प्‍यार’ की तलाश कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं. आपकी यह तलाश आपको बड़े संकट में डाल सकती है. डेटिंग ऐप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रोमांस स्कैमर्स सक्रिय हो चुके हैं. इन ठगों की नजर उन लोगों पर होती है जो प्यार की तलाश में होते हैं. इनके जाल में फंसे तो न केवल आपका दिल टूटेगा बल्कि आपकी जेब भी खाली हो जाएगी. चौंकाने वाली बात यह है कि भारत दुनिया के उन शीर्ष तीन देशों में शामिल हो गया है, जहां रोमांस स्कैम तेजी से बढ़ रहे हैं. मूडीज़ की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में वैश्विक स्तर पर जितने नए रोमांस स्कैम प्रोफाइल्स बनाए गए, उनमें 12% भारत से थे. यह संख्या अमेरिका (38%) और नाइजीरिया (14%) के बाद तीसरे स्थान पर आती है.

77% भारतीय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने किसी न किसी रूप में नकली डेटिंग प्रोफाइल या एआई-जेनरेटेड तस्वीरों का सामना किया है. साइबर अपराधी नई तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों की भावनाओं से खेल रहे हैं और उन्हें ठगी का शिकार बना रहे हैं. रोमांस स्कैम सिर्फ पैसों की ठगी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोगों की भावनाओं और आत्मविश्वास को भी चोट पहुंचाता है. इसलिए सतर्क रहें और ऑनलाइन प्यार में पड़ने से पहले पूरी जांच-पड़ताल जरूर करें.

रोमांस स्कैम आमतौर पर डेटिंग ऐप्स पर देखने को मिलता था, लेकिन अब यह सोशल मीडिया पर भी तेजी से पैर पसार रहा है. गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम समन्वय केंद्र (I4C) के अनुसार, साइबर ठग नकली प्रोफाइल बनाकर लोगों से दोस्ती करते हैं और धीरे-धीरे भावनात्मक रूप से उन्हें अपने जाल में फंसा लेते हैं. कोविड-19 महामारी के बाद इस तरह के अपराधों में भारी उछाल देखा गया है. साइबर ठग “लव बॉम्बिंग” जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें वे तेजी से किसी व्यक्ति पर प्यार और स्नेह बरसाते हैं. लगातार मैसेज, कॉल और गिफ्ट के जरिए वे पीड़ित को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे वास्तव में उनसे प्यार करते हैं. जैसे ही पीड़ित भावनात्मक रूप से उनके करीब आता है, स्कैमर्स पैसों की मांग करने लगते हैं.

कभी-कभी यह मांग इमरजेंसी के बहाने की जाती है, जैसे मेडिकल इमरजेंसी, बिजनेस लॉस या किसी अन्य संकट का बहाना बनाकर. इसके अलावा, कुछ स्कैमर्स बैंक डिटेल्स, गिफ्ट कार्ड्स या व्यक्तिगत तस्वीरें भी मांगते हैं, जिन्हें बाद में ब्लैकमेलिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

तकनीक के इस दौर में रोमांस स्कैमर्स भी हाईटेक हो गए हैं. McAfee की एक रिपोर्ट के अनुसार, 39% भारतीय ऑनलाइन डेटिंग करने वालों ने स्वीकार किया कि उनके साथ बातचीत करने वाला व्यक्ति असल में एक स्कैमर निकला. वहीं, 26% लोगों ने महसूस किया कि वे असल में किसी इंसान से नहीं, बल्कि एआई-जेनरेटेड बॉट से बात कर रहे थे. स्कैमर्स अब एआई से बनाए गए फेक वीडियो और डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे वे असली दिखने वाले वीडियो कॉल कर सकते हैं और लोगों को अपनी बातों में आसानी से फंसा सकते हैं.

 

फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी सोशल मीडिया कंपनियां लगातार इस खतरे को कम करने की कोशिश कर रही हैं. मेटा ने हाल ही में एक नया फीचर जोड़ा है, जो संदिग्ध अकाउंट्स से बातचीत करने पर यूजर्स को अलर्ट भेजता है. फेसबुक मैसेंजर में ‘सेफ्टी नोटिस’ फीचर एक्टिव कर दिया गया है, जो संदिग्ध बातचीत की पहचान करता है. व्हाट्सएप ने ‘साइलेंस अननोन कॉलर्स’ फीचर जोड़ा है, जिससे यूजर्स अनजान नंबरों से आने वाली कॉल को ब्लॉक कर सकते हैं. इससे संभावित स्कैमर्स से बचने में मदद मिलेगी.

गूगल इंडिया ने हाल ही में बताया कि साइबर अपराधी एआई का उपयोग कर नई धोखाधड़ी तकनीकों को अपना रहे हैं. इनमें फेक इन्वेस्टमेंट स्कीम, नकली जॉब ऑफर्स, फर्जी डोनेशन कैंपेन और लोन स्कैम्स शामिल हैं. जनवरी 2025 तक, गूगल ने 1.39 करोड़ से अधिक खतरनाक ऐप इंस्टॉलेशन को रोका, जिससे 3.2 मिलियन डिवाइसेस को स्कैम्स से बचाया गया.

अगर आप ऑनलाइन डेटिंग कर रहे हैं या सोशल मीडिया पर नए लोगों से जुड़ रहे हैं, तो कुछ जरूरी सावधानियां बरतें-

  • कभी भी किसी अनजान व्यक्ति को पैसे न भेजें.
  • बैंक डिटेल्स और पर्सनल इंफॉर्मेशन किसी के साथ साझा न करें.
  • अगर कोई व्यक्ति बहुत जल्दी प्यार का इजहार करता है, तो सतर्क रहें.
  • ऑनलाइन प्रोफाइल को गहराई से जांचें और शक होने पर Google Reverse Image Search का इस्तेमाल करें.
  • वीडियो कॉल पर बातचीत करें और सुनिश्चित करें कि सामने वाला असली व्यक्ति है.

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