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देश के नामी को-ऑपरेटिव बैंक में शामिल न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को आरबीआई बड़ी छूट देने की तैयारी में है. रिजर्व बैंक ने हाल में ही इस बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया था और जमाकर्ताओं को उनके पैसे निकालने पर भी रोक लगा दी थी. अब इस फैसले में कुछ छूट देने पर विचार हो रहा है, ताकि किसी आपात स्थिति में ग्राहकों को उनके पैसे दिए जा सकें.
मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक योजना पर काम कर रहा है जिससे संकटग्रस्त न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ता व्यक्तिगत और चिकित्सा आपात स्थितियों के लिए विशेष निकासी की सुविधा मिल सके. आरबीआई ने बैंक के प्रशासक के साथ मिलकर जमाकर्ताओं से आपात स्थिति का प्रमाण लेकर उन्हें पैसे निकालने की छूट देने पर विचार कर रहा है.
आरबीआई नियमों के तहत अगर कोई बैंक डूब जाता है तो उसके ग्राहकों को जमा की गई राशि पर 5 लाख रुपये तक का बीमा मिलता है. माना जा रहा है कि आरबीआई इसी सीमा तक रुपये निकालने की अनुमति न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को दे सकता है. इस लिहाज से उन्हें 5 लाख रुपये तक की निकासी की सुविधा दी जा सकती है. आरबीआई के नियमों के तहत बैंक डूबने के बाद 90 दिनों के भीतर जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक की निकासी की सुविधा मिलती है.
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पिछले दो वित्तीय वर्षों से घाटे का सामना कर रहा है. 2024 वित्तीय वर्ष में इसने 22.78 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया और 2023 वित्तीय वर्ष में 30.75 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. 31 मार्च 2024 तक बैंक के पास 2.43 अरब रुपये की जमा राशि और 1.17 अरब रुपये का कर्ज था. पिछले सप्ताह RBI ने बैंक को नए कर्ज बांटने से रोक दिया. छह महीने के लिए जमा निकासी को निलंबित कर दिया और एक प्रशासक नियुक्त किया था.
सूत्रों ने यहां तक अनुमान लगाया है कि इस बात को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है कि आरबीआई 6 महीने बाद बैंक को फिर से शुरू करेगा या नहीं. इससे पहले आरबीआई ने कई को-ऑपरेटिव बैंकों पर कार्रवाई की थी, जहां उसके फैसले जमाकर्ताओं के खिलाफ थे. फिलहाल आरबीआई ने जमा बीमा कवरेज बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है, जिसे एक बार फिर बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. इस को-ऑपरेटिव के भी 90 फीसदी से अधिक जमाकर्ता बीमा के तहत पूरी तरह कवर में हैं.