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राजस्‍थान में हो क्या रहा….एक के बाद एक नौजवान पुलिसवाले क्‍यों नौकरी से हटाए जा रहे अब तक 45 SI नपे

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राजस्‍थान में एक के बाद एक नौजवान पुलिसवालों पर गाज गिर रही है. गाज भी कोई छोटी-मोटी नहीं, बल्कि नौकरी से सीधे बाहर.. ऐसा प्रशिक्षु सब इंस्‍पेक्‍टर्स के साथ हो रहा है. उन्‍हें सीधे नौकरी से ही बर्खास्‍त कर दिया गया जा रहा है. सोमवार को भी ऐसा ही हुआ. यहां एक साथ 9 ट्रेनी सब इंस्‍पेक्‍टरों को सेवा से बर्खास्‍त कर दिया गया. ये सभी जोधपुर पुलिस रेंज में तैनात थे. इस एक्‍शन के बाद से नई तैनाती वाले सभी सब इंस्‍पेक्‍टरों में डर का माहौल है. लेकिन ऐसा एक्‍शन सरकार की ओर से क्‍यों लिया जा रहा है, चलिए जानते हैं..

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सोमवार को 9 और प्रशिक्षु सब-इंस्पेक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. इस तरह अभी तक बर्खास्त अधिकारियों की कुल संख्या 45 हो गई है. बर्खास्त एसआई जोधपुर पुलिस रेंज के तहत विभिन्न जिलों में तैनात थे. ये सभी 2021 राजस्थान सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती वाले थे.

2021 एसआई परीक्षा पेपर लीक की जांच रही है. इस मामले की विशेष अभियान समूह (एसओजी) द्वारा आईपीसी, राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के साथ-साथ आईटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जांच की जा रही है. इस पेपर लीक कांड में किसी भी रूप में शामिल एसआई पर यह कार्रवाई की हो रही है.

बर्खास्त किए गए प्रशिक्षु एसआई में जोधपुर ग्रामीण में तैनात गोपीराम जांगू, बाड़मेर में चंचल, जालौर में अजय बिश्नोई, जालौर में दिनेश, सिरोही में नरेश कुमार, सिरोही में प्रियंका शामिल हैं. जैसलमेर में हरखू, सुरेन्द्र कुमार और सिरोही में दिनेश कुमार का नाम भी इसमें है.

बता दें कि 2021 में 859 एसआई और प्लाटून कमांडरों की भर्ती का अभियान पेपर लीक, भ्रष्टाचार और चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोपों के बाद जांच के दायरे में आ गया था. 2023 में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता संभालने के बाद मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था. अब तक कुल 46 एसआई, जो भर्ती के बाद प्रशिक्षण में शामिल हुए थे, को आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम रायका और बाबूलाल कटारा और पेपर लीक गिरोह से जुड़े विभिन्न आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया गया.

हाल ही में बर्खास्तगी राजस्थान उच्च न्यायालय के 21 फरवरी को जारी निर्देश के तहत हुई है. इसमें राज्य सरकार को जांच में तेजी लाने और दो महीने के भीतर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया था. अदालत ने अगली सुनवाई 2 मई को तय की है.

बता दें कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) द्वारा 13 से 15 दिसंबर 2021 के बीच आयोजित एसआई भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में करीब सात लाख आवेदक शामिल हुए थे. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, राज्य सरकार पर भर्ती प्रक्रिया में ईमानदारी और पारदर्शिता बहाल करने का दबाव बढ़ता गया, जिसके परिणामस्वरूप हाल ही में प्रशिक्षुओं की बर्खास्तगी का सिलसिला शुरू हो गया.

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