

वर्ष 8 मार्च को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि महिलाओं के संघर्ष, सशक्तिकरण और उपलब्धियों का प्रतीक है। इस वर्ष बेमेतरा जिले में यह आयोजन और भी भव्य रूप से मनाया जा रहा है, जहाँ समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा।
बेमेतरा की महिलाओं की अनूठी पहचान
बेमेतरा की महिलाएँ न केवल परिवार की धुरी हैं, बल्कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासन, स्वच्छता, समाजसेवा और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। चाहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हों या मितानिन, महिला स्वच्छग्राही हों या नगर निकाय की सफाई कर्मचारी—इन सभी ने जिले को स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध बनाने में अपनी मेहनत और समर्पण का परिचय दिया है।
महिला दिवस पर विशेष आयोजन
इस वर्ष टाउन हॉल, बेमेतरा में आयोजित होने वाले जिला स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह में इन सभी प्रेरणादायी महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग, नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत स्तर की उन कर्मठ महिलाओं को पहचान दी जाएगी, जिन्होंने अपने कार्यों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया है।
बेमेतरा जिले में महिलाओं की भूमिका केवल परिवार और समाज तक सीमित नहीं है, बल्कि वे प्रशासनिक, सामाजिक और स्वच्छता अभियानों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। आगामी 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बेमेतरा जिले में एक भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसमें महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनेगा, बल्कि जिले की महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देगा।
महिलाओं की भागीदारी और उपलब्धियाँ
बेमेतरा जिले में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में महिला स्वच्छग्राही समूह, प्रेरक, सफाई कर्मचारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मेहनत सराहनीय रही है। इन महिलाओं ने गांवों को स्वच्छ और खुले में शौच मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इसके अलावा, महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत महिला अधिकारी और कर्मचारी अपनी सेवाओं के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। बच्चों और महिलाओं के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रमों में उनका योगदान प्रशंसनीय है। मितानिनों ने स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई है, जिससे जिले में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ी है।*
राजनीति और प्रशासन में महिलाओं का नेतृत्व
बेमेतरा जिले के प्रशासनिक ढांचे में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। जिला पंचायत की अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पदों पर महिलाओं का नेतृत्व यह दर्शाता है कि महिलाएँ अब नीति-निर्माण की प्रक्रिया का सक्रिय हिस्सा बन रही हैं। इसके अलावा, जिले की कई पंचायतों में महिलाएँ सरपंच और पार्षद के रूप में अपनी सेवाएँ दे रही हैं, जिससे स्थानीय शासन व्यवस्था में उनका प्रभाव बढ़ा है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित महिला सम्मान समारोह के माध्यम से उन महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने समाज में अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। यह सम्मान समारोह न केवल उनकी उपलब्धियों को मान्यता देगा, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करेगा कि वे अपने हक और अधिकारों के लिए आगे बढ़ें।
समाज में बदलाव की नई लहर
बेमेतरा जिले में महिलाओं के प्रति सोच में तेजी से बदलाव आ रहा है। महिलाएँ केवल घरेलू कार्यों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासन, और स्वच्छता अभियानों में भी अपनी भागीदारी निभा रही हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत मिशन, और महिला सशक्तिकरण योजनाओं का प्रभाव जिले में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
समाज के लिए प्रेरणा
महिला दिवस का यह आयोजन न केवल सम्मान और गौरव का अवसर है, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि जब महिलाओं को समान अवसर और सम्मान मिलता है, तो वे समाज में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं। बेमेतरा की महिलाएँ इस बदलाव की जिंदा मिसाल हैं, जो अपने श्रम, संघर्ष और समर्पण से जिले को आगे बढ़ा रही हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में पहल
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर, यह गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है। राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से सक्षम बना रही है।
महतारी वंदन योजना :
छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए महतारी वंदन योजना शुरू की है, जिसके तहत राज्य की पात्र महिलाओं को प्रतिमाह ₹1000 की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। यह योजना न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना :
इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों के विवाह के लिए सहायता राशि दी जाती है, जिससे उनके परिवारों पर वित्तीय बोझ कम होता है और वे सम्मानजनक जीवन जी सकती हैं।
सखी वन स्टॉप सेंटर :
महिलाओं की सुरक्षा और सहायता के लिए सरकार सखी वन स्टॉप सेंटर चला रही है, जहां उन्हें कानूनी, सामाजिक और मानसिक सहयोग मिलता है।
स्वयं सहायता समूह (SHG) योजनाएँ :
राज्य सरकार महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा दे रही है, जिससे वे छोटे-छोटे उद्योगों और स्वरोजगार से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इन योजनाओं से महिलाओं को आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल रहा है। महिला सशक्तिकरण की इस दिशा में उठाए गए ये कदम न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणादायक हैं।
निष्कर्ष
बेमेतरा जिले की महिलाएँ आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। वे समाज, राजनीति, स्वच्छता और प्रशासन में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। आगामी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर यह आयोजन न केवल उनके योगदान को पहचान दिलाएगा, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करेगा कि वे आत्मनिर्भर बनें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ें। बेमेतरा की महिलाएँ न केवल अपने जिले, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लिए एक मिसाल बन रही हैं।
इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि महिलाओं के अधिकार, समानता और सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। बेमेतरा की इन नायिकाओं को हमारा नमन।