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जहां न पहुंचे टावर, वहां पहुंचेगा इंटरनेट, मस्क के स्टारलिंक का भारत आना हुआ तय, भारतीय कंपनी से मिलाया हाथ

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नई दिल्ली. भारत में जल्द ही सैटेलाइट इंटरनेट के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. भारती एयरटेल ने एलन मस्क की कंपनी SpaceX के साथ साझेदारी का ऐलान किया है, जिसके तहत भारत में Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की योजना बनाई जा रही है. यह SpaceX का भारत में पहला आधिकारिक टाई-अप होगा. हालांकि, यह साझेदारी तभी पूरी तरह प्रभावी होगी जब SpaceX को भारत में Starlink संचालन के लिए जरूरी सरकारी मंजूरी मिल जाएगी.

SpaceX को अभी तक भारत में Starlink सेवाएं शुरू करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष नियामक IN-SPACe और दूरसंचार विभाग (DoT) से लाइसेंस नहीं मिला है. हालांकि, नवंबर में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, SpaceX ने डेटा लोकलाइजेशन और सुरक्षा से जुड़े भारत सरकार के नियमों का पालन करने की बात मानी है. इस मामले में Jio और Eutelsat OneWeb को पहले ही GMPCS लाइसेंस और जरूरी अनुमतियां मिल चुकी हैं.

Airtel को क्या फायदा होगा?
Airtel पहले से ही Eutelsat OneWeb के साथ सैटेलाइट इंटरनेट क्षेत्र में काम कर रहा है. अब Starlink के जुड़ने से कंपनी का नेटवर्क और मजबूत होगा और दूर-दराज के इलाकों तक हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड पहुंचाना संभव हो सकेगा. खासतौर पर उन इलाकों में जहां फाइबर नेटवर्क या मोबाइल कनेक्टिविटी सीमित है. भारती एयरटेल के मैनेजिंग डायरेक्टर और वाइस चेयरमैन गोपाल विट्टल ने कहा, “SpaceX के साथ यह साझेदारी एयरटेल की अगली पीढ़ी की सैटेलाइट कनेक्टिविटी की दिशा में एक अहम कदम है. इससे हमें दूर-दराज के इलाकों तक ब्रॉडबैंड सेवाएं पहुंचाने में मदद मिलेगी और हमारे ग्राहकों को तेज और भरोसेमंद इंटरनेट उपलब्ध कराया जा सकेगा.”

Starlink के भारत में संभावित प्लान
इस साझेदारी के तहत, Starlink के हार्डवेयर और सेवाओं को Airtel के रिटेल स्टोर्स के जरिए बेचा जा सकता है. साथ ही, Airtel अपने ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग SpaceX के नेटवर्क को सपोर्ट करने के लिए करेगा. SpaceX की प्रेसिडेंट और COO Gwynne Shotwell ने कहा, “भारत के लोगों के लिए Starlink के प्रभाव को लेकर हम बेहद उत्साहित हैं. Airtel भारत की टेलीकॉम इंडस्ट्री में एक अहम भूमिका निभा चुका है, और उनके साथ काम करना हमारे लिए सही रणनीति साबित होगी.”

भारत में बढ़ रही सैटेलाइट इंटरनेट की होड़
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. Eutelsat OneWeb और Jio-SES पहले ही अपनी सैटेलाइट सर्विस के लिए मंजूरी हासिल कर चुके हैं. वहीं, Amazon का Kuiper प्रोजेक्ट 2025 की शुरुआत में 3,236 सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना बना रहा है. सरकार ने संकेत दिए हैं कि सैटेलाइट कम्युनिकेशन स्पेक्ट्रम का आवंटन प्रशासनिक रूप से किया जाएगा, हालांकि टेलीकॉम कंपनियां इसे नीलामी के जरिए देने की मांग कर रही हैं. TRAI जल्द ही इस संबंध में मूल्य निर्धारण पर अपनी सिफारिशें जारी कर सकता है. IN-SPACe का अनुमान है कि भारत की स्पेस इकोनॉमी 2033 तक $44 अरब (लगभग 3.6 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच सकती है. फिलहाल भारत का वैश्विक बाजार में हिस्सा 2% है, जिसे अगले 10 साल में 8% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है.