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हथियार छोड़ो, सबसे जुड़ो.. सरकार देगी एजुकेशन, नौकरी से लेकर पैसे तक की मदद, क्‍या है छत्‍तीसगढ़ सरकार की स्‍कीम

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कल कैबिनेट की बैठक हुई. इस दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इनमें सबसे अहम फैसला राज्य में नक्सल समस्या को खत्म करने के लिए एक नई नीति को मंजूरी देना रहा. मंत्रिपरिषद ने ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023’ को हटाकर इसकी जगह ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025’ को स्वीकृति दी है.

यह मिलेगी सुविधा
बता दें, इस नई नीति का लक्ष्य नक्सलियों को हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लाना और पीड़ितों को राहत देना है. इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी. इनमें आर्थिक मदद, पुनर्वास की व्यवस्था, शिक्षा और रोजगार के अवसर शामिल हैं. साथ ही, उनकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. सरकार का मानना है कि यह कदम नक्सलवाद को कम करने में कारगर साबित होगा.

नक्सल समस्या को जड़ से खत्म
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नक्सल समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह नीति उस दिशा में एक बड़ा कदम है. बैठक में यह भी तय किया गया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज में दोबारा बसाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी. उन्हें प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, ताकि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर सम्मानजनक जीवन जी सकें. इसके अलावा, नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए भी राहत और पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी.

यह नीति छत्तीसगढ़ में लंबे समय से चली आ रही नक्सल समस्या के समाधान के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है. सरकार का दावा है कि इससे न केवल नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि राज्य में शांति और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.