

महादेव ऐप का नाम तो आपने भी सुना होगा. छत्तीसगढ़ से शुरू हुए इस सट्टा कारोबार की नकेल तो वैसे दुबई में बैठे लोगों के पास थी, लेकिन बिजनेस का ज्यादातर पैसा भारत से ही जुटाया गया. इस ऐप से जुड़े तार और खाते खंगालने के लिए भारतीय एजेंसियों ने पिछले 2 साल से काफी मेहनत की है. ऐसे में आपके मन में भी इस ऐप को लेकर बहुत सारे सवाल उमड़ रहे होंगे कि आखिर इसका नाम महादेव ऐप ही क्यों पड़ा और कैसे मामूली से बेटिंग कारोबार से 6 हजार करोड़ रुपये का बिजनेस खड़ा हो गया.
इस ऐप को शुरू करने वालों को भी इतने बड़े कारोबार की उम्मीद नहीं थी, लेकिन जैसा कि पहले भी कई बार कहा जा चुका है कि आपदा में अवसर होते हैं. महादेव ऐप शुरू करने वालों को भी कोरोना महामारी जैसी आपदा के बीच अवसर दिखा. लोग घरों में बंद थे और ज्यादातर समय खाली रहते थे. जाहिर है उन्हें कुछ रोमांचक चाहिए था, जिसमें पैसा भी बनाया जा सके. इस मौके का फायदा उठाकर ऐप का विस्तार किया गया और जल्द ही इसके ग्राहकों का बेस 50 लाख से ऊपर चला गया.