Home छत्तीसगढ़ जब मंत्री डॉ.डहरिया को ग्रामीणों के सामने जोड़ना पड़ा हाथ….

जब मंत्री डॉ.डहरिया को ग्रामीणों के सामने जोड़ना पड़ा हाथ….

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परदेशी राम की पूरी हुई आस, जब मंत्रीजी अचानक पहुच गए उनके पास 

रायपुर/ 21 जनवरी 2021

 अपने विधानसभा क्षेत्र आरंग के लखौली गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद आंरग की ओर लौट रहे नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया की नजर जब ग्राम बरछा के चबूतरे पर बैठे कुछ ग्रामीणों पर पड़ी तो उन्होंने ड्राइवर को बोलकर तत्काल अपनी गाड़ी रुकवाई और वाहन से उतरकर सीधे चबूतरे के पास जा पहुंचे। गांव के चबूतरे के पास अचानक से वाहन रूकने से वहां बैठे ग्रामीण भी हड़बड़ा सा गए और खड़े हो गए। तभी मंत्री डॉ.डहरिया वाहन से नीचे उतरे और ग्रामीणों से हाथ जोड़ते हुए कहा, नमस्कार, नमस्कार, मोला चिन्हें हव न, का हाल हे परदेशी राम जी, का हाल हे हिरऊ भैय्या। अचानक से मंत्री जी को अपने बीच पाकर और छत्तीसगढ़ी में बोलते हुए देखकर आश्चर्य में डूबे ग्रामीणों को पहचानने में देर नहीं लगी। अपना नाम मंत्री डॉ.डहरिया के जुबान से सुनकर खुशी से समाहित ग्रामीणों ने हाथ जोड़कर नमस्कार का जवाब दिया। इस बीच दूर बैठे कुछ ग्रामीणों को मंत्री ने अपने पास बुलाया और सभी से गांव के विषय में जानकारी लेते हुए उनकी समस्याएं पूछी। अचानक से मंत्री डॉ. डहरिया को अपने गांव के चबूतरे के पास पाकर और उनसे चर्चा करने पर ग्रामीणों ने खुलकर बात की। ग्रामीणों ने कहा गांव में सब ठीक चल रहा है। इस बीच कुछ ग्रामीणों ने कहा कि वे पिछले कई दिनों से अपने मंत्री से मिलने का विचार भी कर रहे थे। आपके अचानक से हमारे गांव में आ जाने से मिलने की इच्छा भी पूरी हो गई। इस बीच मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा कि गांव के अनेक लोग उनसे मिलने के लिए आरंग और रायपुर के कार्यालय सहित निवास में आते रहते हैं, आज मेरी इच्छा हुई तो मैं भी आपके गांव में आपसे मिलने आ गया हूं। मुझे घर में खाना खिलाएंगे की नहीं। मंत्री डॉ.डहरिया की इस बात को सुनकर अनेक ग्रामीणों ने घर में खाना खाकर जाने का आमंत्रण भी दिया, लेकिन उन्होंने फिर कभी आकर भोजन करने की बात कहीं। उन्होंने गांव के परदेशी राम, हिरऊ राम, सुखदेव चेलक सहित अन्य कई ग्रामीणों से चर्चा की और छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा ग्रामीणों के हित में किए जा रहे  कार्यों को बताया। इस बीच उनके वहां से जाने के दौरान अनेक ग्रामीणों ने उनके सम्मान में जिंदाबांद के नारे भी लगाए।