रायपुर . छत्तीसगढ़ के बस्तर से रायपुर से लेकर सिकंदराबाद तक करीब एक हजार ट्रक इमली बीज भेजा जाता है परन्तु यह बस्तर का दुर्भाग्य है कि वनांचल होने के बावजूद बस्तर में वन आधारित एक भी उद्याोग नहीं हैं। बस्तर की इमली बीज से देश के कई हिस्सों में स्टार्च पाऊडर और अगरबत्तियां बनाई जा रही हैं जिसके चलते वहां हजारों हाथों को काम मिला हुवा है।बस्तर के ग्रामीणों को बस संग्रहण और बीज निकालने का काम मिल रहा है जबकि बस्तर में भी स्टार्च और अगरबत्ती बनाने का उद्योग शुरू कर लोगों को रोजगार सुलभ कराया जा सकता है। हर साल सिर्फ बस्तर मंडी से करीब एक हजार ट्रक इमली बीज प्रदेश के रायपुर से लेकर महाराष्ट्र के सिकंदराबाद, गोंदिंया के अलावा आंध्रप्रदेश के हैदराबाद भेजा जाता है।इमली बीज से तैयार स्टार्च पाऊडर का उपयोग वहां पेपर और टेक्सटाईल उद्योग में हो रहा है तथा छिलके की लुगदी से अगरबत्तियां बनाई जाती है जिससे वहां हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है।