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आलेख : सुराजी गांवः नरवा विकास : नरवा अभियान से बदल रही है नालों और खेतों के साथ किसानों की तकदीर और तस्वीर

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कवर्धा, 03 सितम्बर 2021

छत्तीसगढ़ शासन के महत्त्वकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी अभियान के कार्य से कबीरधाम जिले में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हुए अधोसंरचना विकास एवं रोजगार के नए-नए अवसर ग्रामीणों को दिया जा रहा है।  धान का कटोरा हमारा प्रदेश छत्तीसगढ़ में खेती किसानी आधारित ग्रामीण अर्थव्यवरथा मूल रूप से सिंचाई के साधनों पर निर्भर है। चाहे खरीफ का मौसम हो या रवि फसलों की बात ग्रामीण किसानों के लिए सिंचाई हमेशा से एक प्रमुख विषय रहा है, जो सीधे तौर पर फसलों के उत्पादन के साथ उनके आर्थिक उन्नती से जुड़ा हुआ है। इन्हीं महत्वपूर्ण बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए सुराजी गांव योजना के घटक नरवा के कार्य को कबीरधाम जिले में अभियान के तौर पर चलाया जा रहा है।
       मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सरकार द्वारा प्रदेश के चार चिन्हारी, नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी को फिर से पुर्नजीवित और गुलजार करने के लिए सुराजी गांव योजना की शुरूआत की गई। इस सुराजी गांव योजना से अब गांव, ग्रामीण, किसानों की तकदीर और तस्वीर बदलती हुई नजर आ रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और रोजगार के साथ साथ निर्माण का सृजन करने के अवसर मिल रहे है।
नरवा अभियान के द्वारा खेतो की सिंचाई, भूजल स्तर में वृद्धि करना और स्थानीय किसानों को बहु फसलीय के लिए साधन उपलब्ध कराना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य हैं। कबीरधाम जिले में चिन्हांकित 44 नालों में से 32 नालों पर जल संरक्षण, जल संवर्धन एवं मृदा संरक्षण के 798 कार्य पूर्ण कराए गए है।  जिसके लिए 10 करोड़ 65 लाख रूपए व्यय किया गया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से हो रहे नरवा अभियान के कार्य में बहुत कम समय में ही 3 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। इस काम से सीधे तौर पर ग्रामीणों को रोजगार मिला और इस कार्य के लिए 7 करोड 48 लाख रूपए से अधिक का मजदूरी भुगतान ग्रामीणों को किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष 2021.22 में 46809 हेक्टेयर क्षेत्र में भूमि उपचार का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए 2570 कार्यो का चयन करते हुए 43.71 करोड़ से अधिक रूपऐ व्यय होने की संभावना है।
नरवा अभियान के इन कार्यो से जिले के किसान बहु फसलीय ले रहे है। जिससे उनकी आमदनी में भी वृद्धि हुई है। जल संरक्षण की दिशा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत लूज बोल्डर चेक डेम, गेबियन स्ट्रक्चर निर्माण, नालों से गाद निकासी कार्य, भूमि समतलीकरण, डाईक जैसे अनेक रोजगार मूलक कार्य नालों में कराये जा रहें है। ग्रामीणों को रोजगार का अवसर भी मिल रहा है। कबीरधाम जिले के जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा अंतर्गत नर्मदा नाला जनपद पंचायत पण्डरिया अंतर्गत सरैहा नाला और हरि नाला जनपद पंचायत बोड़ला अंतर्गत लोटिया डबरी नाला व तमरू नाला जैसे अनेक नालों के जिर्णोद्धार से ग्रामीणों को हुए लाभ को देखा जा सकता है। सुराजी गांव के नरवा विकास से नालों की तस्वीर बदल रही है साथ ही साथ नालों से लगे खेतों और किसानों की तकदीर और तस्वीर भी बदल रही है।