रायपुर,12 दिसम्बर | Goutra Vivah : आजकल एक ही गौत्र में विवाह के कई मामले सामने आ रहे है। यह एक सामाजिक और धार्मिक बहस का मुद्दा भी बन गया है।
कुछ लोग इसके पक्ष में है. तो वंही कुछ लोग एक वर्ग (Goutra Vivah) सगौत्र विवाह को गलत मान रहे हैं। हमारी धार्मिक मान्यता के अनुसार दो एक ही गौत्र या एक ही कुल में विवाह करना पूर्णतया प्रतिबंधित किया गया है।
यह प्रतिबंधित इसलिए लगाया गया है क्योंकि लोगों का मानना है की एक ही (Goutra Vivah) गौत्र या कुल में विवाह होने पर दंपत्ति की संतान अनुवांशिक दोष के साथ उत्पन्न होती है। और ऐसे दंपत्तियों की संतान में एक सी विचारधारा , पसंद , व्यवहार आदि में कोई नयापन नहीं होता।
ऐसे बच्चों में रचनात्मकता का अभाव होता है।विज्ञान द्वारा भी इसके संबंध में यही बात कही गई है कि सगौत्र शादी करने पर अधिकांश ऐसे दंपत्ति की संतानों में अनुवांशिक दोष अर्थात् मानसिक विकलांगता , अपंगता , गंभीर आदि जन्मजात ही पाए जाते हैं।