Home छत्तीसगढ़ विटामिन-सी लीवर की कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक

विटामिन-सी लीवर की कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक

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आजकल प्रत्येक व्यक्ति को पेट से संबंधित कुछ न कुछ परेशानी लगी रहती है। इस परेशानी का प्रमुख कारण यकृत यानि लीवर की कार्यप्रणाली में अवरोध भी है। आजकल लोग अपने खान-पान पर विशेष ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिसकी वजह से लीवर संक्रमित हो जाता है, या लीवर संबंधी अन्य परेशानी हो जाती है। जैसे लीवर का फैटी होना, सूजन आ जाना और लीवर में इन्फेक्शन हो जाना इत्यादि। हमारा खाना ठीक प्रकार से नहीं पच रहा है या हमें पेट में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है तो हमें समझ जाना चाहिए कि ये लीवर में संक्रमण के लक्षण हैं। इसे अनदेखा करना घातक साबित हो सकता है।

शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि ज्यादातर लीवर संक्रमण अधिक तेल-मसाले वाला भोजन, ज्यादा शराब पीने या बाहर का खाना अधिक खाने की वजह से होता है। लीवर संक्रमण के कई लक्षण हो सकते हैं जैसे- मुंह से गंदी बदबू आना, आंखों के नीचे काले धब्बे पड़ना, पेट में हमेशा दर्द रहना, भोजन का सही ढंग से नहीं पचना, त्वचा पर सफेद धब्बे पड़ना, पेशाब या मल गहरे रंग का होना इत्यादि। ये लीवर की खराबी के सामान्य लक्षण हैं। लीवर की खराबी के कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जो हमें जांच के बाद ही पता चल पाता है।

यदि पाचन तंत्र में खराबी हो या लीवर पर वसा जमा हो या फिर वह बड़ा हो गया हो तो ऐसे में पानी भी नहीं हजम होगा। इनके चलते त्वचा पर सफेद धब्बे पड़ने लगते हैं जिसे लीवर स्पॉट भी कहा जाता है। अगर हमारा लीवर सही से कार्य नहीं कर रहा होता है, तो मुंह से गन्दी बदबू भी आने लगती है क्योंकि मुंह में अमोनिया ज्यादा रिसता है, आंखों के नीचे धब्बे पड़ने लगते हैं जिस पर आपके खराब स्वास्थ्य का असर साफ दिखाई देने लगता है। लीवर को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद में कुछ उपाय बताए गए हैं।

डॉ. शुक्ला ने बताया कि आंवला विटामिन-सी का सबसे अच्छा स्त्रोत है। यह लीवर को कार्यशील बनाने में मदद करता है। स्वस्थ लीवर के लिए दिन में 4 से 5 आवंले का सेवन जरूर करें। पालक और गाजर के रस का मिश्रण लीवर सिरोसिस के लिए फायदेमंद उपाय है। इसी तरह पपीते के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीने से पेट संबंधी कई परेशानियों से निजात मिलती है। स्वस्थ लीवर के लिए आवश्यक है कि अपने आहार को नियंत्रित रखें तथा इसमें विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। लीवर संबंधी कोई भी शिकायत होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेवें।