राजयपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज बालोद जिले के गुरुर विकासखंड मे राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप राजाराव पठार मे आयोजित वीर मेला के अंतिम दिन के कार्यक्रम मे शामिल होकर कार्यक्रम की भूरी-भूरी सराहना की। उन्होंने वीर मेला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे अनुपम एवं अद्वितीय बताया। इस अवसर पर उन्होंने मेला परिसर में निर्मित विशाल वीर नारायण सिंह जी के नवनिर्मित प्रतिमा का अनावरण भी किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पिछले वर्ष वीर मेला मे शामिल होकर मेला परिसर मे शहीद वीर नारायण सिंह की विशाल प्रतिमा निर्माण, देवस्थल सहित विभिन्न विकास कार्यो के लिए 65 लाख रुपय की घोषणा की थी। इस राशि से वीर मेला परिसर मे विभिन्न विकास कार्य किये जा रहे हैं। कार्यक्रम मे कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री मोहन मंडावी, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अरविन्द नेताम,अनुचित जनजाति अयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नंद कुमार साय सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं समाज प्रमुखगण मौजूद थे। इस अवसर पर उन्होंने शहीद वीर नारायण सिंह जी के बलिदान एवं उनके योगदानों का स्मरण करते हुए उसे अतुलनीय बताया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के स्वाधीनता संग्राम का इतिहास जनजातीय नायको एवं वीर पुरुषों के बलिदानो से भरा पड़ा है। सुश्री उइके ने शहीद वीर नारायण सहित आदिवासी समाज के सभी महापुरुषों का पुण्य स्मरण करते हुए उन्हे सादर नमन किया। राज्यपाल ने उनके द्वारा जनजाति समाज के हितों के संरक्षण हेतु किये गए प्रयासों की भी जानकारी दी। कार्यक्रम स्थल मे पहुंचने के पश्चात राज्यपाल ने सर्वप्रथम देव स्थल मे पहुंचकर पूजा अर्चना की। कार्यक्रम स्थल मे पहुंचने पर परम्परागत आदिवासी नृत्यों एवं वाद्य यंत्रो के साथ राज्यपाल का भव्य तथा आत्मीय स्वागत किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल ने गोंड समाज युवक युवति परिचय सम्मेलन पुस्तक का भी विमोचन किया। कार्यक्रम को पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अरविन्द नेताम ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर स्वागत भाषण आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री मानक दरपट्टी ने प्रस्तुत करते हुए समाज की मांगो की ओर राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट कराया। कार्यक्रम मे कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री जीतेन्द्र कुमार यादव , सेनानी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल श्री डी आर अचला, सी ई ओ जिला पंचायत डॉ रेणुका श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारियो के अलावा सामजिक प्रतिनिधि एवं विशाल संख्या मे आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।