रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की आज यानी 8 अगस्त से मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग शुरू हो रही है. यह मीटिंग 10 अगस्त तक चलेगी. महंगाई को देखते हुए आरबीआई लगातार तीसरी बार ब्याज दरों को स्थिर रख सकता है. जानकारों के अनुसार इस मीटिंग में RBI रेपो रेट यानी इंटरेस्ट रेट में बदलाव की उम्मीद कम ही है. अभी रेपो रेट 6.50% पर बनी हुई है. RBI ने इससे पहले अप्रैल और जून में हुई बैठक में भी ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी.
गौरतलब है कि आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग 8 से 10 अगस्त तक चलेगी और बैठक के आखिरी दिन रिजर्व बैंक रेपो रेट की दरों में बदलाव की घोषणा करेगा. बता दें कि मौद्रिक समिति हर 2 महीनों में तीन दिनों के लिए बैठक करती है. दो दिन मीटिंग चलती है. तीसरे दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई गवर्नर कमेटी के फैसले की घोषणा करते हैं.
फरवरी में हुई थी 25 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोत्तरी
आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में आखिरी हाइक फरवरी 2023 में किया गया था, जहां 25 बेसिस पॉइंट्स की बढ़त के साथ यह 6.50 फीसदी पर पहुंच गई थी. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने 10 महीनों के अंदर 5 बार अपनी रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी. रिजर्व बैंक बाजार में मुद्रा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए रेपो रेट का इस्तेमाल करता है. बढ़ी हुई रेपो रेट का मतलब होता है कि जो बैंक आरबीआई से पैसे लेंगे उन्हें वह पैसा बढ़ी हुई ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा.
रेपो रेट बढ़ने का क्या होता है असर
रेपो रेट बढ़ने से होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा EMI चुकानी होती है. वहीं FD पर ज्यादा ब्याज दरें मिलती हैं. हालांकि, इस दौरान आरबीआई गवर्नर की तरफ से कुछ सख्ती जरूर की जा सकती है क्योंकि देश इस समय खाने के प्रोडक्ट्स पर महंगाई की मार झेल रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 1 फरवरी को बजट पेश करने के बाद MPC की यह दूसरी बैठक है.