जयपुर-मुंबई ट्रेन में हुई वारदात के बाद रेलवे ने RPF फोर्स को लेकर कई तरह के बदलाव शुरू कर दिए हैं. इसकी शुरुआत रेलवे ने वेस्टर्न रेलवे और सेंट्रल रेलवे से की है. इन दोनों रेलवे जोन में RPF जवानों के पास अब रेल में यात्रा के दौरान सेमी ऑटोमेटिक और ऑटोमेटिक हथियार नहीं होंगे. इन खतरनाक हथियारों की जगह अब जवानों को पिस्टल दी गई है. इसके पीछे कई वजह बताई जा रही हैं. लेकिन उनका खुलासा नहीं किया जा रहा है.
उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर RPF के जवानों की तैनाती की जाती है. यात्रा के दौरान महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधा या फिर रास्ते में होने वाली किसी भी तरह की लूट को रोकने के लिए ट्रेन में हमेशा RPF के जवान मौजूद रहते हैं. इन जवानों के पास AK-47 से लेकर ऑटोमेटिक हथियार होते हैं.
15 रेलवे जोन की RPF फोर्स की समीक्षा की जा रही है
इन हथियारों से एक ट्रिगर में 30 राउंड तक फायक किए जा सकते हैं. लेकिन जयपुर-मुंबई ट्रेन में हुई वारदात के बाद रेलवे ने 2 रेलवे जोन के हथियारों को बदल दिया है. देशभर में 17 रेलवे जोन हैं. फिलहाल NWR समेत 15 रेलवे जोन की RPF फोर्स की समीक्षा की जा रही है. RPF के उच्च अधिकारियों से बैठक के बाद बाकी के रेलवे जोन को लेकर भी इस तरह की फैसला लिया जा सकता है.
उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है
इस पूरे मामले को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है जो आने वाले दिनों में सभी रेलवे जोन को लेकर रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपेगी. उसके बाद उन रेलवे जोन को लेकर फैसला लिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि जयपुर-मुंबई ट्रेन में हुई वारदात में चार लोगों की मौत हो गई थी. इस वारदात के बाद हड़कंप मच गया था. वारदात के बाद ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए थे. लिहाजा अब रेलवे बोर्ड पूरी तरह से सख्त नजर आ रहा है.