प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन के मामले में पूछताछ के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तलब किया है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्हें अगले सप्ताह राज्य की राजधानी रांची में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है.. मनीलॉन्ड्रिंग का यह मामला अवैध खनन से जुड़ा, जिसमें करीब 1000 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है. सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा को ईडी पहले ही इस केस में गिरफ्तार कर चुकी है.
सोरेन झारखंड के साहिबगंज जिले की बरहैट विधानसभा सीट से विधायक हैं. ईडी ने पिछले साल दावा किया था कि धन शोधन से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार पंकज मिश्रा को ‘राजनीतिक संरक्षण’ प्राप्त है, क्योंकि वह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का राजनीतिक प्रतिनिधि है और उनके विधानसभा क्षेत्र में संचालित कथित अवैध खनन गतिविधियों को अपने सहयोगियों के जरिये ‘नियंत्रित’ करता है. जांच एजेंसी ने कहा था कि उसने झारखंड में अब तक अवैध खनन से अर्जित लगभग एक हजार करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियों की ‘पहचान’ की है.
ईडी के मुताबिक, धन शोधन से जुड़े इस मामले के सिलसिले में 47 तलाशी अभियान चलाए गए, जिनमें 5.34 रुपये की नकदी, 13.32 करोड़ रुपए बैंक जमा राशि, 30 करोड़ रुपए मूल्य की नाव, पांच स्टोन क्रशर और दो ट्रक जब्त किए गए थे. जांच एजेंसी के अनुसार, छापेमारी में दो एके-47 राइफल भी बरामद हुए हैं, जिन्हें बाद में झारखंड पुलिस ने अपना बताया था.
ईडी की जांच तब शुरू हुई थी, जब एजेंसी ने अवैध खनन और जबरन वसूली के कथित मामलों को लेकर आठ जुलाई 2022 को झारखंड के साहिबगंज, बरहैट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बरहरवा इलाके में मिश्रा और उसके कथित सहयोगियों के 19 ठिकानों पर छापेमारी की थी. ईडी ने पिछले साल मार्च में मिश्रा और अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज करने के बाद छापेमारी शुरू की थी. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया गया था कि मिश्रा ने ‘अवैध रूप से बड़े पैमाने पर संपत्ति हड़पी या अर्जित की है.’
ईडी ने साहिबगंज जिले के बरहरवा पुलिस थाने में मिश्रा के खिलाफ दर्ज राज्य पुलिस की प्राथमिकी और शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आदि की विभिन्न धाराओं के तहत अवैध खनन व्यापार मामलों में दायर कुछ अन्य पुलिस शिकायतों का संज्ञान लिया था.