केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की सड़कों पर हाइड्रोजन से चलने वाली भारत की पहली बस सेवा शुरू होने जा रही है. भविष्य की तकनीक के साथ सुसज्जित यह बस सेवा सार्वजनिक सड़कों पर कमर्शियल परीक्षण के साथ लेह में शुरू होगी. भारत के सबसे बड़े बिजली उत्पादक एनटीपीसी इस परियोजना के तहत शहर में इंट्रा-सिटी सेवा के लिए लेह प्रशासन को पांच हाइड्रोजन ईंधन सेल बसों की आपूर्ति करने जा रही है. राज्य द्वारा संचालित कंपनी ने बसों को ईंधन देने के लिए हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए 1.7 मेगावाट का एक ईंधन भरने वाला स्टेशन और कैप्टिव सौर संयंत्र भी बनाया है. लेह प्रशासन ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए शहर में 7.5 एकड़ जमीन पट्टे पर दी है.
2.5 करोड़ रू होगी बस की लागत
परियोजना के लिए अशोक लेलैंड 2.5 करोड़ रूपए की लागत से बसों की आपूर्ति कर रही है. इन बसों का किराया वही रखा जाएगा जो वर्तमान में चल रही बस सेवा का होता है. गुरुवार को पहली बस यहां पहुंच गई थी लेकिन स्वतंत्रता दिवस के लिए सेवा को शुरू करने की योजना अत्यधिक बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की वजह से स्थगित करनी पड़ी थी. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक जल्दी ही यह सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी.
प्रधानमंत्री ने 2020 मे स्वतंत्रता दिवस के दिन की थी घोषणा
यह परियोजना प्रधानमंत्री के 2020 की स्वतंत्रता दिवस के दिन की गई कार्बन-न्यूट्रल लद्दाख की घोषणा के दो साल के भीतर आई है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि हिमालय की ऊंचाइयों में बसा लद्दाख नई ऊंचाइयों की ओर आगे बढ़ रहा है। लद्दाख की कई खासियतें हैं. हमें न केवल उनका संरक्षण करना है, बल्कि उनका पोषण भी करना है. जैसे सिक्किम ने पूर्वोत्तर में ‘जैविक राज्य’ के रूप में अपनी पहचान बनाई है, वैसे ही लद्दाख, लेह और कारगिल भी ‘कार्बन तटस्थ’ इकाई के रूप में अपनी जगह बना सकते हैं”.