प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि ‘यह दिन इस बात का उदाहरण है कि हार से सबक कैसे लिया जाए और सफलता कैसे हासिल की जाए.’ उन्होंने यह बात दक्षिण अफ्रीका से उस समय कही, जब भारत अपने चंद्रयान के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरने वाला पहला देश बनकर इतिहास रच रहा था. ये शब्द चंद्रयान-3 मिशन की सावधानीपूर्वक सफलता पर प्रधानमंत्री की भावनाओं को उजागर करते हैं. करीब चार साल पहले जब चंद्रयान-2 के चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जब तत्कालीन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चीफ के सिवन निराशा में रो पड़े थे; तब पीएम मोदी ने उन्हें अपने कंधे लगाकर दिलासा दी थी. तब पीएम मोदी ने इसरो के प्रयास की भी खुले दिल से सराहना की थी और उन्हें गलतियों से सीखने और सफल होने तक जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया था.
बुधवार को चंद्रयान-3 की सफलता के तुरंत बाद पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका से इसरो प्रमुख एस सोमनाथ को फोन कर बधाई दी. पीएम मोदी ने उनसे कहा ‘आपका नाम सोमनाथ है और यह शब्द चंद्रमा से जुड़ा है! मैं जल्द ही आपको और आपके सहयोगियों को व्यक्तिगत रूप से बधाई दूंगा. उन्होंने कहा कि यह सफलता पूरी मानवता की है और इससे अन्य देशों को चंद्र अभियानों में मदद मिलेगी. लैंडिंग के तुरंत बाद इसरो वैज्ञानिकों को पीएम मोदी के संबोधित किया. उन्होंने इस मिशन में बीते चार सालों की अथक मेहनत की सराहना की.
भारत बार-बार साबित कर रहा कि आकाश उसकी सीमा नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि ‘यह कई वर्षों के प्रयास का परिणाम है. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक कोई भी देश नहीं पहुंच सका है. भारत बार-बार साबित कर रहा है कि आकाश उसकी सीमा नहीं है. हमने इतिहास बनते देखा है और यही हमारे जीवन को सार्थक बनाता है. यह एक विकसित और ‘न्यू इंडिया’ की शुरुआत है. यह क्षण कठिनाइयों के सागर को पार करने के समान है. इससे देश में नई ऊर्जा आएगी.’ इसरो वैज्ञानिकों के इस बयान का हवाला देते हुए कि भारत अब चंद्रमा पर है, पीएम मोदी ने कहा कि हालांकि वे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका में हैं, लेकिन हर भारतीय की तरह उनका मन चंद्रयान -3 मिशन पर था. पीएम मोदी ने कहा, ”हर भारतीय इस पल का आनंद ले रहा है, यह एक त्योहार की तरह है.”