आयकरदाताओं की एक आम शिकायत है कि विभाग उन्हें टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) देने में बहुत लंबा इंतजार कराता है. रिफंड का पैसा बैंक खाते में आने में कई बार तो कुछ दिन बल्कि महीने लग जाते हैं. हालांकि, आयकर विभाग का दावा है कि उसने पिछले कुछ वर्षों में रिफंड जारी करने की अवधि को बहुत घटा दिया है. लेकिन, झटपट रिफंड न मिलने से अब भी लोग ज्यादा खुश नहीं है. इसी नाराजगी को देखते हुए अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रिफंड जारी करने को लेकर एक सॉलिड सिस्टम बना रहा है. डिपार्टमेंट की योजना आईटीआर के टैक्सपेयर्स के वेरिफाई करने के हफ्तेभर में ही रिफंड बैंक खाते में डालने की है
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का दावा है कि अब टैक्स रिफंड (Tax Refund) की प्रोसेसिंग और इसे जारी करने में 16 दिन ही लगते हैं. अब उसकी योजना इस अवधि को घटाकर 10 दिन करने की है. इसके लिए एक सिस्टम शुरू करने की तैयारी हो रही है. खास बात यह है कि नई समय सीमा को चालू वित्त वर्ष के दौरान ही लागू कर दिया जाएगा.
तुरंत रिफंड देने का इरादा
बिजनस स्टैंडर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग ने टैक्स रिटर्न्स के वेरिफिकेशन और असेसमेंट्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक अप्रोच अपनाई है. आयकर विभाग टैक्स रिटर्न की प्रोसेसिंग पूरी होते ही रिफंड जारी करना चाहता है. यह आयकर विभाग की एक नई पहल होगी. पहले विभाग कंपनियों के रिफंड को राजस्व संग्रह को बढ़ावा देने के लिए रोके रखता था.
घटा है रिफंड जारी करने का समय
एक सरकारी अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया , “साल 2022-23 में टैक्स रिटर्न्स की प्रोसेसिंग में लगा औसत समय 16-17 दिन था. यह साल 2021-22 में 26 दिन था. अब हम टैक्स रिटर्न्स की प्रोसेसिंग और रिफंड जारी करने में लगने वाले समय को घटाकर 10 दिन करने की योजना बना रहे हैं.”
जारी हो चुके 72,215 करोड़ के रिफंड
इस साल एक अप्रैल से 21 अगस्त के बीच 72,215 करोड़ रुपये के टैक्स रिफंड के रूप में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जारी कर चुका है. इनमें से 37,775 करोड़ रुपये के रिफंड कंपनियों को और 34,406 करोड़ रुपये करदाताओं को जारी किए गए हैं. टेक्नोलॉजी के विकास और एक मजबूत सिस्टम के कार्यान्वयन से टैक्स रिटर्न्स की जल्द प्रोसिसिंग में मदद मिल रही है.