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चांद पर चंद्रयान-3 के लैंड होते ही भारतीय और अंग्रेजों में छिड़ी ‘जंग’, भड़के इंडियंस ने मांगे 45 लाख करोड़ और कोहिनूर, जानें क्यों?

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इसरो (ISRO) और करोड़ों भारतीयों के लिए बुधवार, 23 अगस्त की शाम अविस्मरणीय रही. भारत के चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड किया. देश-विदेश सभी जगह से बधाइयों का तांता लगा हुआ है. इसी बीच ब्रिटिश पत्रकार सोफी कोरकोरन (Sophie Corcoran) की ट्वीट पर बहस छिड़ गई. सोफी ने अपने ट्वीट में, ‘ब्रिटेन द्वारा भारत की स्पेस एजेंसी को दी जाने वाली सहायता राशि की मांग कर दी.’ इसके बाद क्या था, भारतीयों ने जमकर उनकी क्लास लगाते हुए ब्रिटेन द्वारा भारत से सन 1765 से 1938 के बीच लूटी गई संपत्ति और कोहिनूर हीरे की मांग कर दी.

ब्रिटिश पत्रकार सोफी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘ब्रिटेन को भारत को सहायता नहीं भेजनी चाहिए क्योंकि उसके पास एक एडवांस अंतरिक्ष कार्यक्रम है. अब समय आ गया है कि हमें अपना पैसा वापस मिल जाए.’ वहीं,‘भारत, हमें हमारा £2.3 बिलियन वापस दो!’ उसके बाद लिखा, ‘@PatrickChristys भारत को उनके सफल चंद्रमा मिशन के लिए बधाई देते हैं. लेकिन एक नियम के रूप में, यदि आप चंद्रमा के अंधेरे पक्ष (Dark Side) पर रॉकेट दागने का जोखिम उठा सकते हैं, तो आपको विदेशी सहायता के लिए हाथ फैलाकर हमारे पास नहीं आना चाहिए!’ देखते ही देखते दोनों ट्वीट काफी वायरल होने लगे.इसके बाद क्या था भारतीयों ने उनकी क्लास लगानी शुरू कर दी. @Deshi_Diva नाम की यूजर ने पत्रकार सोफी की क्लास लगाते हुए लिखा, ‘चुप कर बैठो, और उसके बाद NoBuddy का पोस्ट टैग किया जिसमें लिखा था, ‘बस इसे उस 44 ट्रिलियन डॉलर से घटा दें जो आपने भारत से लूटा है. हमारा कोहिनूर भी वापस दे दो.’ वहीं, जीबी न्यूज (GB News) के पत्रकार पैट्रिक के ट्वीट की जवाब देते हुए शशांक शंकर झा (आईडी-@shashank_ssj) ने ट्वीट किया है. उन्होंने, अर्थशास्त्री उत्सा पटनायक द्वारा किए गए एक शोध और कोलंबिया यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला दिया. इस ट्वीट में उन्होंने विस्तार से लिखा है, ‘’ब्रिटेन, हमें हमारा $44.997 ट्रिलियन वापस दे दो! @PatrickChristys, @GBNEWS, अनुदान (Grant) के बारे में याद दिलाने के लिए धन्यवाद. अब एक नियम के रूप में, हमें सलाम करें और हमसे लूटे गए 45 ट्रिलियन डॉलर वापस करें. ब्रिटेन ने हमें $2.5 दिया है, इतना काट लो और शेष हमारा, 45 लाख करोड़ रुपये वापस कर दो.

अर्थशास्त्री उत्सा पटनायक के अध्ययन ने चौंकाने वाले खुलासे किये हैं. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया है, ‘1765 से 1938 के बीच ब्रिटिश भारत से तकरीबन 45 ट्रिलियन डॉलर लूट कर ले गए थे.’ यह राशि आज ब्रिटेन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से 15 गुना अधिक है.