सेना के जवान अब छुट्टियों में भी देश सेवा के कार्यों में जुटे नजर आएंगे. भारतीय सेना चाहती है कि सैनिक “राष्ट्र-निर्माण प्रयासों” को बढ़ाने के लिए अपनी छुट्टी के वक्त में सामाजिक सेवा में भाग लें. देश भर में सेना की सभी संरचनाओं से हर तिमाही में इसे लेकर अपना फीडबैक (प्रतिपुष्टि) देने के लिए कहा गया है. सेना मुख्यालय की एडजुटेंट जनरल शाखा के समारोह और कल्याण निदेशालय द्वारा सभी कमांड के हेडक्वार्टर को मई के महीने में इस संबंध में पत्र जारी किया गया था.
पत्र में लिखा गया, ‘यह अनुशंसा की जाती है कि छुट्टी पर जाने वाले प्रत्येक सैनिक को स्वेच्छा से अपनी रुचि व योग्यता और अपने समुदाय की महसूस की गई आवश्यकता के अनुसार किसी भी विषय व क्षेत्र के सामाजिक काम से जुड़ना चाहिए. भारतीय सेना के राष्ट्र-निर्माण प्रयास के तहत उन्हें इन सामाजिक कार्यों में आम नागरिकों को भी शामिल करना चाहिए.’
पत्र में आगे कहा गया, ‘भारतीय सेना के प्रत्येक सैनिक का बायोडाटा एक विशिष्टता व्यक्तिगत गुण, कौशल सेट और सेवा से प्राप्त चरित्र और मूल्य प्रणाली से भरा होता है. हमारे मानव संसाधन पूल में देश के हर कोने से आने वाले लोग हैं, जिसमें विविध क्षेत्र और समुदाय शामिल हैं. अधिकांश सैनिक ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं. हमारे सैनिकों छुट्टी पर रहते हुए नागरिकों और स्थानीय समुदायों के जीवन को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे हमारे राष्ट्रीय-निर्माण प्रयासों को बल मिलेगा.’
आर्मी यूनिट से कहा गया है कि वो अपने सैनिकों को इससे जुड़ा ढांचागत साहित्य दें ताकि वो एक राजदूत के तौर पर समुदाय से बातचीत करें और उनके साथ ताल्लुक बढ़ाकर एक सार्थक सैनिक बन सकें. पत्र में कहा गया कि “यह पहल तत्काल प्रभाव से लागू की जाएगी और सितंबर 2023 से प्रत्येक तिमाही में सभी कमांडों द्वारा फीडबैक भेजा जाएगा.