चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अपने पहले सूर्य मिशन (Solar Mission) आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग के लिए तैयार है. स्पेस एजेंसी ने बताया कि PSLV-C57 रॉकेट के जरिए आदित्य एल1 (Aditya-L1) की लॉन्चिंग के लिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में काउंटडाउन शुरू हो गया है. सूर्य के बारे में जानकारी एकत्र करने के मकसद से भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इस मिशन को लॉन्च कर रही है.
यह मिशन 2 सितंबर यानी आज सुबह 11:50 बजे श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से लॉन्च होने वाला है. आदित्य-एल1 5 वर्षों के दौरान पृथ्वी के सबसे निकटतम तारे के बारे में अध्ययन करने के लिए 1.5 मिलियन किलोमीटर की यात्रा करेगा. बता दें कि यह मिशन इसरो और कई प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच एक सहयोग का नतीजा है. लॉन्चिंग के लिए रॉकेट और सैटेलाइट तैयार हैं. पहले सूर्य मिशन की लॉन्चिंग के लिए इसरो ने रिहर्सल भी पूरी कर ली है.
ISRO के सबसे भरोसेमंद रॉकेट से लॉन्चिंग
मालूम हो कि PSLV-C57 ISRO का सबसे भरोसेमंद रॉकेट है. इसी पर आदित्य-L1 की लॉन्चिंग की जाएगी. यह आदित्य-L1 धरती की लोअर अर्थ ऑर्बिट में छोड़ेगा. इसके बाद तीन या चार ऑर्बिट मैन्यूवर करके सीधे धरती के स्फेयर ऑफ इंफ्लूएंस (SOI) से बाहर जाएगा. इसके बाद फिर शुरू होगा होगा क्रूज फेज. मिशन का यह फेज थोड़ा लंबा चलता है.
कहां देख सकते हैं लाइव
सूर्य मिशन को लाइव देखने के लिए ISRO ने लिंक जारी की है. इसे इसरो की वेबसाइट https://isro.gov.in पर लाइव देखा जा सकता है. इसके अलावा इसरो के फेसबुक पेज और Youtube चैनल पर भी इसे लाइव देख सकते हैं. वहीं DD नेशनल टीवी पर इसका लाइव प्रसारण 11:20 बजे से किया जाएगा.
मिशन का क्या है उद्देश्य
इस मिशन का उद्देश्य एल1 के चारों ओर की कक्षा से सूरज का अध्ययन करना है. यह सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं का अध्ययन करेगा. यह विभिन्न तरंग बैंडों में प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की बाहरी परतों (कोरोना) का निरीक्षण करने के लिए सात पेलोड लेकर जाएगा. इनमें से 6 पेलोड्स इसरो और अन्य संस्थानों ने बनाया है.
आदित्य-L1 को धरती और सूरज के बीच एल1 ऑर्बिट में रखा जाएगा. फिजिक्स की दुनिया में, लार्ज्रेंज पॉइंट्स ऐसे पॉइंट्स होते हैं जहां, दो-पिंडो वाली गुरुत्वाकर्षण प्रणाली में, एक छोटी वस्तु को जब वहां रखा जाता है तो वह स्थिर रहती है. आदित्य-L1 धरती से 15 लाख km दूर स्थित इस प्वाइंट से सूरज की स्टडी करेगा.