जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में वैश्विक नेताओं ने मानवाधिकारों की रक्षा करते हुए आर्थिक विकास के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग पर चर्चा के साथ ही तेजी से विकसित हो रही टेक्नोलॉजी की वैश्विक निगरानी पर जोर दिया था. इसे लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने News18 से बातचीत में बताया कि भारत भी एक व्यापक दृष्टिकोण पर विचार कर रहा है, जो व्यवधान पैदा कर सकने वाली सभी नई प्रौद्योगिकियों के खिलाफ ‘सुरक्षा’ मुहैया कराएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा आईटी एक्ट की जगह लेने वाला नया ‘डिजिटल इंडिया एक्ट’, इन उभरती टेक्नोलॉजीज़ पर गौर करेगा.
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा, ‘हम निश्चित रूप से बहुत स्पष्ट हैं कि हम यूजर्स के नुकसान, पारस्परिक सुरक्षा और विश्वास के लिहाज से एआई और वास्तव में उभरती या मौजूदा हर तकनीक को रेग्यूलेट करने का इरादा रखते हैं. आईटी एक्ट की जगह लेने जा रहे डिजिटल इंडिया एक्ट पर जल्द ही परामर्श शुरू होगा.’
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘इसके जरिये एक आधुनिक समकालीन ढांचा बनने जा रहा है, जो निश्चित रूप से सुरक्षा और विश्वास के मुद्दों पर गौर करेगा. हमारे पास वर्तमान में मौजूद पारंपरिक इंटरनेट ही नहीं बल्कि एआई और क्रिप्टो सहित नई तकनीकों तथा व्यवधान की सभी चुनौतियों पर भी इसमें विचार किया जाएगा.
राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत स्पष्ट रहे हैं कि हम निश्चित रूप से नवाचार पर ब्रेक या इसे धीमा नहीं करना चाहते हैं, बल्कि हम निश्चित रूप से यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वे बदलाव केवल हमारे व्यवसाय और लोगों की भलाई के लिए हों.’
उन्होंने आगे कहा, ‘यूजर्स के नुकसान को नियंत्रित करने के लिए आपके पास जो गार्ड रेल या सिद्धांत हैं, हम उनके बारे में काफी स्पष्ट हैं, और आप उन्हें जल्द ही ‘डिजिटल इंडिया एक्ट’ पर परामर्श शुरू होने के साथ ही इसे देखेंगे.’