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खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को लेकर बड़ा खुलासा, 1997 में की थी फेक शादी, जानें क्या है कनाडा कनेक्शन?

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कनाडा में मारे गए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर जारी भारत-कनाडा में तकरार के बीच रिपोर्टों में दावा किया गया है कि खालिस्तानी अलगावादी नेता हरदीप सिंह निज्जर फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके उत्तरी अमेरिकी देश पहुंचा था और कनाडा ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जबकि उसे यह बताया गया था कि वह हत्या और अन्य आतंकवादी मामलों समेत 12 से अधिक आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हरदीप सिंह निज्जर ने 1997 में कनाडा की नागरिकता पाने के लिए ‘फर्जी’ शादी की थी.

सूत्रों की मानें तो खालिस्तानी आतंकी निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के एक गुरुद्वारे की पार्किंग में अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी. वह 1997 में रवि शर्मा के नाम से फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके कनाडा गया था. सूत्रों ने बताया कि उसने यह दावा करते हुए कनाडा में शरण के लिए आवेदन किया था कि उसे भारत में उत्पीड़न का डर है क्योंकि वह ‘‘एक विशेष सामाजिक समूह’ से है. निज्जर के इस आवेदन को हालांकि अस्वीकार कर दिया गया था. सूत्रों ने बताया कि उसका दावा खारिज होने के 11 दिन बाद उसने एक महिला के साथ ‘विवाह’ किया, जिसने उसके अप्रवासन में मदद की थी. हालांकि, इस विवाह को कनाडा ने भी अस्वीकार कर दिया, क्योंकि महिला 1997 में एक अलग पति के प्रायोजन के तहत कनाडा पहुंची थी.

इस आवेदन को कनाडा में आव्रजन अधिकारियों ने भी खारिज कर दिया था. निज्जर ने इसके खिलाफ कनाडा की अदालतों में अपील की, हालांकि वह खुद को कनाडा का नागरिक होने का दावा करता रहा. बाद में उसे कनाडाई नागरिकता प्रदान की गई, जिसकी परिस्थितियां अब तक स्पष्ट नहीं हैं. नवंबर 2014 में उसके खिलाफ ‘इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस’ (आरसीएन) जारी किया गया था. दरअसल, भारत और कनाडा के बीच निज्जर की हत्या को लेकर कूटनीतिक विवाद हो गया है. इसी साल जून में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद यह विवाद उत्पन्न हुआ. हालांकि, भारत सरकार ने कनाडाई प्रधानमंत्री के आरोपों का सख्ती से जवाब दिया है.

सूत्रों ने बताया कि निज्जर के खिलाफ भारत में हत्या और अन्य आतंकवादी गतिविधियों के 12 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे. सूत्रों ने बताया कि मामलों का विवरण कनाडाई अधिकारियों के साथ साझा किया गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, आरसीएन के बावजूद कनाडाई अधिकारियों ने उसे उड़ान निषिद्ध सूची में डालने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की.

जून में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद यह विवाद उत्पन्न हुआ. भारत ने मंगलवार को इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ बताते हुए खारिज कर दिया था और इस मामले को लेकर कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले में कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया था.

भारत ने बुधवार को और कड़ा रुख अपनाते हुए कनाडा में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से समर्थित घृणा अपराधों और आपराधिक हिंसा को देखते हुए वहां रह रहे अपने नागरिकों और वहां की यात्रा का विचार कर रहे अपने नागरिकों को ‘अत्यधिक सावधानी’ बरतने का परामर्श जारी किया था. भारत ने कनाडा स्थित अपने उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों के समक्ष उत्पन्न ‘सुरक्षा खतरों’ के मद्देनजर कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करने पर अस्थायी रूप से रोक लगाने की बृहस्पतिवार को घोषणा की थी.