2000 रुपये के नोट जमा करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की शाखाओं के बाहर लोगों की लंबी कतारों को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा है कि लोगों को हड़बड़ाने की जरूरत नहीं है. लोग 2,000 रुपये के नोट अपने बैंक खातों में जमा कराने के लिए उन्हें बीमाकृत डाक के जरिये रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों में भेज सकते हैं. यह उन लोगों के लिए एक आसान विकल्प है जो रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों से दूर रहते हैं. दो हजार रुपये का नोट जमा करने या समान मूल्य के अन्य नोटों से बदलने के लिए फिलहाल कोई समयसीमा की घोषणा नहीं की गई है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के क्षेत्रीय निदेशक रोहित पी. दास ने कहा, ‘‘हम ग्राहकों को सबसे सहज व सुरक्षित तरीके से सीधे उनके खाते में राशि जमा कराने के लिए बीमाकृत डाक के जरिये 2,000 रुपये के नोट आरबीआई को भेजने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. यह उन्हें आरबीआई की शाखाओं तक यात्रा करने और कतार में खड़े होने की परेशानियों से बचाएगा.’’ उन्होंने कहा कि टीएलआर तथा बीमित पोस्ट, दोनों विकल्प अत्यधिक सुरक्षित हैं और जनता के मन में इन विकल्पों को लेकर कोई डर नहीं होना चाहिए. अकेले दिल्ली कार्यालय को अबतक करीब 700 टीएलआर फॉर्म मिले हैं.
अब तक कितने नोट वापस लौटे
उन्होंने कहा कि आरबीआई अपने संचार में अपने कार्यालयों में विनिमय सुविधा के अलावा इन दो विकल्पों को फिर शामिल कर रहा है. आरबीआई ने 19 मई को 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी. इन नोटों को बैंकों में जमा करने के साथ अन्य मूल्य वर्ग के नोटों से बदलने की सुविधा लोगों को दी गई थी. आरबीआई के मुताबिक, इस तरह 19 मई, 2023 तक चलन में मौजूद 2,000 रुपये मूल्य के कुल नोट में से 97 प्रतिशत से अधिक नोट अब वापस आ चुके हैं.
7 अक्टूबर तक बढ़ी थी डेट
इन नोटों को बदलने या बैंक खातों में जमा कराने की समयसीमा पहले 30 सितंबर थी. बाद में यह समयसीमा सात अक्टूबर तक बढ़ा दी गई. बैंक शाखाओं में जमा और विनिमय दोनों सेवाएं सात अक्टूबर को बंद कर दी गई थीं. आठ अक्टूबर से व्यक्तियों को आरबीआई के 19 कार्यालयों में मुद्रा का आदान-प्रदान करने या उनके बैंक खातों में समतुल्य राशि जमा करने का विकल्प प्रदान किया गया है.