संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों में शामिल ललित झा के पैतृक आवास का आखिरकार पता चल गया. ये खुलासा तब हुआ जब उसके माता पिता घटना के बाद दरभंगा पहुंचे. दरभंगा जब परिजन पहुंचे तो दरभंगा पुलिस भी हरकत में आई और उसके घर जाकर छानबीन में जुट गई है. वह दरभंगा जिला के बहेड़ा थाना अलीनगर प्रखंड के रामपुर उदय गांव का रहनेवाला है.
बता दें कि ललित झा कोलकाता में बड़ा बाजार के पास रवींद्र सरणी में किराए पर रहता था. वह मूल रूप से बिहार के दरभंगा का रहने वाला ही है. वहीं, ललित कुमार झा के पिता पंडित देवानंद झा तथा माता मंजुला झा है. ग्रामीणों के अनुसार, ललित झा बचपन से पढ़ने में तेज था. गांव के विद्यालय से सातवीं तक की पढ़ाई करने के बाद 2008 में पिता अपने साथ कोलकाता ले गए, जहां पढ़ाई करने के बाद कोचिंग संस्थान में जाकर भी पढ़ाता था और होम ट्यूशन भी करता था. उसके पिता 50 वर्षों से कोलकाता में ही रहते थे. लेकिन कभी-कभार पर्व त्योहार में गांव आते थे.
ललित झा के पिता ने कहा कि ललित झा के पिता ने कहा कि हमलोग 50 वर्षों से वहीं (कोलकाता) रहते हैं. पर्व त्योहार में गांव आते हैं. टिकट नहीं मिलने के कारण इस बार छठ में नहीं आ सके तो 10 दिसंबर को चलकर 11 को गांव पहुंचे थे. ट्रेन भी बेटे ललित ने पकड़ाया था और उसी दिन वह दिल्ली के लिए रवाना भी हुआ था. लेकिन उसके दिल्ली जाने का प्रयोजन नहीं मालूम था.
पिता ने कहा कि जीवन में हमारे परिवार का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है, इस बात को पूरे गांव इलाके में पता किया जा सकता है. तीन पुत्रों में ललित बड़ा है और एक पुत्री विवाहित है. पंडित देवानंद झा ने बताया दिल्ली से भी पुलिस का कॉल आया था उसने ललित तथा मेरे नाम का वेरीफिकेशन किया.
पंडित देवानंद झा ने बताया कि दिल्ली पुलिस से पूरी घटना की जानकारी मिली है. पुलिस ने ही बताया कि आज ही ललित की पेशी कोर्ट में होगी. मौके पर मौजूद ललित के छोटे भाई सोनू झा ने भी कहा कि भाई ललित के गलत गतिविधि के संबंध में मुझे कोई भी जानकारी नहीं है, लेकिन वह ऐसे इंसान नहीं थे.