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छोटे शेयर से होगा बड़ा मुनाफा, बस पैसे लगाते वक्‍त न करें ये पांच गलतियां

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शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले आमतौर पर छोटे शेयरों यानी स्मॉलकैप शेयर (Smallcap Stocks) को खूब तव्‍वजो देते हैं. साल 2023 में निफ्टी स्‍मॉल कैप 250 इंडेक्‍स ने 46 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है. यही कारण है कि स्‍मॉल कैप से साल 2024 में भी निवेशकों को जबरदस्‍त मुनाफे की उम्‍मीद है. स्‍मॉल कैप शेयर में मुनाफा तो अधिक है, लेकिन इनमें जोखिम भी ज्‍यादा है. शेयर बाजार में मुनाफा वसूली या किसी अन्‍य कारणों से जब गिरावट आती है तो स्मॉलकैप शेयरों में यह गिरावट और भी तेज होती है.

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, नुवामा प्रोफेशनलक्लाइंट्स ग्रुप के संदीप रैना का कहना है कि स्मॉलकैप शेयरों में जितना अधिक रिटर्न मिलने की संभावना होती है, उतना ही नुकसान होने की आशंका भी होती है. इसलिए निवेशकों को काफी सोच-समझकर छोटे शेयरों में पैसा लगाना चाहिए.

खरीदने और बेचने में जल्‍दबाजी न करें
स्मॉल कैप में निवेश के लिए शेयर बाजार के जानकार तीन मंत्र बताते हैं. पहला- सही समय पर एंट्री. दूसरा- स्टॉक को बढ़ने का पर्याप्त मौका देना और तीसरा- सीजनल उतार-चढ़ाव के लिए अपने रिस्क को मैनेज करना. एलियोस फाइनेंशिनेंयल सर्विसेज के शाम चांडक है कि स्मॉलकैप शेयरों का प्रदर्शन सीजनल है, न कि बारहमासी. इसलिए निवेशकों को इसी आधार पर सेक्टर्स और थीम चुननी चाहिए. वे जियो-पोलिटिक्‍ल जैसे दूसरे फैक्टर्स को ध्यान में रखकर एंट्री प्वाइंट चुनने की सलाह देते हैं.

जोश पर रखें काबू
अत्‍यधिक जोश हानिकारक है. साल 2023 में आई शानदार तेजी को देखकर इस साल भी जोश में इनमें खूब सारा पैसा झोंक देना सही नहीं है. एक बार में ही अपनी सारी पूंजी लगाना जोखिम भरा हो सकता है. बाजार में कभी भी मुनाफावसूली या अन्य कारणों से गिरावट आ सकती है. ऐसे में अपनी पूरी पूंजी निवेश करने का जोखिम लेना एक बड़ी गलती है. इसकी जगह समय के साथ निवेश को धीरे-धीरे बढ़ाना सही रणनीति होगी.

PE को वैल्यूएशन का स्‍टीक फार्मूला न मानें
अधिकतर निवेशक किसी कंपनी के वैल्यूएशन को देखने के लिए पीई रेशियो को सबसे सटीक फॉर्मूला मानते हैं. लेकिन स्मॉल-कैप शेयर चुनने का यह सही तरीका नहीं है. कई बार ऐसा होता है कि स्टॉक से तुलना के लिए अधिक कंपनियों नहीं होती है. ऐसे में पीई पर निर्भर रहना कई बार धोखा दे सकता है. नुवामा प्रोफेशनलक्लाइंट्स ग्रुप के संदीप रैना रैना का कहना है कि स्टॉक की लंबी अवधि की ग्रोथ की संभावनाओं को देखें. साथ ही स्टॉक के मार्जिन प्रदर्शन और रिटर्न ऑफ कैपिटल एंप्लॉयड जैसे मापदंडों पर जरूर विचार करें.