जीडीपी (GDP)
सकल घरेलू उत्पाद या ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी जीडीपी (GDP) किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सर्विस की कुल वैल्यू को कहते हैं.
फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit)
राजकोषीय घाटा के अंग्रेजी में फिस्कल डेफिसिट कहते हैं. फिस्कल डेफिसिट का मतलब केंद्र सरकार की आमदनी और खर्चों का अंतर है. यह देश की आर्थिक स्थिति की तस्वीर दिखाते हैं. सरकार का खर्च उसकी आमदनी से ज्यादा रहने पर उसे कर्ज लेना पड़ता है. वह कितना कर्ज लेगी यह फिस्कल डेफिसिट से तय होता है. हर साल सरकार बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए फिस्कल डेफिसिट का अपना अनुमान पेश करती है.
डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax)
डायरेक्ट टैक्स वो हैं जो नागरिक सरकार को सीधे तौर पर देते हैं. ये टैक्स आपके आय पर लगता है और किसी दूसरे आदमी को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता. इनकम टैक्स, वेल्थ टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स आदि डायरेक्ट टैक्स के अंतर्गत आते हैं.
इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect Tax)
इनडायरेक्ट टैक्स वो हैं जो किसी भी आदमी को ट्रांसफर किए जा सकते हैं जैसे किसी सर्विस प्रोवाइडर, प्रोडक्ट या सर्विस पर लगने वाला टैक्स. उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क, सेवा शुल्क, जीएएसटी आदि इनडायरेक्ट टैक्स के अंतर्गत आते हैं.
फिस्कल पॉलिसी (Fiscal Policy)
किसी सरकार के लिए उसकी फिस्कल पॉलिसी बहुत अहम होती है. इसमें सरकार की आय और खर्च से जुड़ी चीजें आती हैं. अगर सरकार की आय अच्छी है तो उसे अपने खर्च को पूरा करने के लिए कम कर्ज लेना पड़ता है. आय कम होने पर सरकार को ज्यादा कर्ज लेना पड़ता है.
कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capital Expenditure)
सरकार फिजिकल एसेट्स तैयार करने पर जो खर्च करती है, उसे कैपिटल एक्सपेंडिचर कहते हैं. इसके तहत इंफ्रास्ट्रक्चर- जैसे सड़क, एयरपोर्ट, स्कूल आदि पर होने वाला खर्च आता है. सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ाने से रोजगार को मौके बढ़ते हैं. आर्थिक गतिविधियां बढ़ती हैं और इकोनॉमी की ग्रोथ को सपोर्ट मिलता है.