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UN जानता है भारत की ताकत, संयुक्त राष्ट्र का बड़ा बयान, UNSC में स्थाई सदस्यता को लेकर कही ये बात

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संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए इसे “परिपक्व, अत्यधिक सम्मानित सदस्य” और विभिन्न पहलुओं में अग्रणी बताया. उन्होंने यूएनजीए के भीतर देश की विश्वसनीयता और प्रभाव को पहचानते हुए सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सीट हासिल करने की भारत की क्षमता के बारे में भी आशा व्यक्त की. यूएनजीए अध्यक्ष बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जब उनसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सुरक्षा परिषद से अनुपस्थिति पर सवाल किया गया.

फ्रांसिस ने सुरक्षा परिषद की पुरानी संरचना के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए माना कि यह वर्तमान भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने में विफल है. अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने में परिषद की असमर्थता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद जिस रूप में वर्तमान में अस्तित्व में है वह विश्व इतिहास के उस काल की याद दिलाती है जो अब अस्तित्व में नहीं है. तब से, दुनिया मौलिक रूप से बदल गई है.”

यूएनएससी की भूमिका बेहद अहम हो जाती है, खासकर उस वक्त जब भू-राजनीतिक प्रभावों के कारण वीटो का इस्तेमाल होता है. उन्होंने कहा, “इस मामले का तथ्य यह है कि परिषद, हाल के वर्षों में, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को मजबूत करने में सहायता और समर्थन करने के लिए आवश्यक निर्णय लेने में उत्तरोत्तर असमर्थ रही है. बड़े पैमाने पर भू-राजनीतिक कारणों से. भू-राजनीति, वैश्विक गतिशीलता भू-राजनीति, परिषद में आयातित हो जाती है और इसके परिणामस्वरूप हमेशा एक या दूसरे पक्ष द्वारा वीटो का उपयोग होता है.”

एएनआई के मुताबिक, यूएनएससी में भारत को शामिल किए जाने से जुड़े सवाल पर यूएनजीए अध्यक्ष ने कहा, “भारत संयुक्त राष्ट्र का एक परिपक्व, अत्यधिक सम्मानित सदस्य है. यह कई मायनों में एक अहम लीडर है. और मुझे यकीन है कि यह तथ्य जनरल असेंबली के सदस्यों को नहीं पता है. इसलिए मैं चाहता हूं कि सरकार और भारत के लोग स्थायी आधार पर परिषद की सदस्यता ग्रहण करने के अपने प्रयास में सफल हों. ऐसा होता है या नहीं यह सदस्यों को तय करना है.”