इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से आवागमन करने वाले यात्रियों को आज रात से शायद कुछ राहत मिले. दरअसल, दिल्ली एयरपोर्ट के मुख्य रन-वे 28/11 के रिकार्पेटिंग और रिफर्बिशमेंट का काम पूरा हो गया है. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने आज आधिकारिक तौर पर इस रन-वे को विमानों के परिचालन के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को सौंप दिया है, जिसके बाद इस रन-वे से विमानों का आवागामन शुरू हो गया है.
उल्लेखनीय है कि आईजीआई एयरपोर्ट पर कोहरे के मौसम में रन-वे 28/11 सबसे अहम भूमिका निभाता है. दरअसल, 3,813 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रन-वे 28/11 आईजीआई एयरपोर्ट का ऐसा रन-वे है, जिस पर कोहरे का सबसे कम असर होता है. साथ ही, कैट-थ्री-बी तकनीक से लैस इस रन-वे पर 50 मीटर की दृश्यता पर भी विमानों को लैंड और 125 मीटर की दृश्यता पर विमानों को टेकऑफ कराया जा सकता है. इस रन-वे के ऑपरेशनल होने के साथ ही एयरलाइंस के पास फ्लाइट डिटे के लिए ‘रन-वे अनअवेलेबिलिटी’ का बहाना भी खत्म हो गया है.
डायल के अनुसार, G20 शिखर सम्मेलन की वजह से रन-वे की रिकार्पेटिंग और रिफर्बिशमेंट का काम समय पर शुरू नहीं हो पाया था. G20 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद सितंबर 2023 में रनवे की री-कार्पेटिंग काम शुरू किया गया था. दिसंबर 2023 में रनवे की री-कार्पेटिंग का काम पूरा होने के बाद एयरफील्ड ग्राउंड लाइटिंग (एजीएल) से जुड़े काम शुरू किए गए थे. इस समयावधि में इस रन-वे से कुछ अतिरिक्त टैक्सी-वे को जोड़ा गया है, जिससे विमानों के आवागमन के समय को कम किया जा सके. इसके अलावा, रन-वे की रिकार्पेटिंग और रिफर्बिशमेंट का काम पूरा होने के साथ अब एयरसाइड क्षमता एक बार फिर 140 मिलियन मुसाफिरों को संभालने की हो गई है.