पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ आरबीआई के एक्शन के बाद डिजिटल पेमेंट को लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं. लेकिन, कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने दावा किया है कि व्यापारियों और उपभोक्ताओं के बीच डिजिटल पेमेंट के प्रति जो विश्वास बना है, वह बरकरार रहेगा. पेटीएम के खिलाफ लिए गए फैसले से डिजिटल पेमेंट सिस्टम पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
मीडिया रिपोट्स के अनुसार, कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में डिजिटल पेमेंट को अपनाने और उससे व्यापारिक लेन-देन का मजबूत जरिया बनाया है. डिजिटल पेमेंट को लेकर बाजार में कई विकल्प मौजूद हैं, और लोग अपनी पसंद के किसी भी अन्य विकल्प को चुन सकते हैं.
RBI का एक्शन एक स्पष्ट संदेश
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई से रिज़र्व बैंक ने डिजिटल पेमेंट सेक्टर में नियम-कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी दोषी को बर्दाश्त नहीं करने का मज़बूत संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि रिज़र्व बैंक के एक्शन से पता चलता है कि निर्धारित रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाये बिना भारत में बिजनेस करना संभव नहीं है.
खंडेलवाल ने कहा कि पेटीएम मुद्दे पर चिंता जताई है, क्योंकि देश में करोड़ों यूजर्स विशेष रूप से छोटे व्यापारी ,कारीगर और दुकानदारों के ग्राहक हैं इसलिए व्यापारियों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि पेटीएम की विभिन्न सेवाओं में उनके पैसे की सुरक्षा क्या है और आरबीआई या किसी अन्य सरकारी एजेंसी भविष्य में क्या कुछ और कठोर कदम उठा सकती है?
उधर इस मामले में पेटीएम का संचालन करने वाली कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने अपनी सहयोगी इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर की गई नियामकीय कार्रवाई के बीच सेबी के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन की अध्यक्षता में एक समूह सलाहकार समिति के गठन की शुक्रवार को घोषणा की. वन97 कम्युनिकेशंस ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि यह समिति नियमों के अनुपालन को मजबूत करने और नियामकीय मामलों पर कंपनी को सलाह देगी.