भारतीय शेयर बाजार की चाल काफी हद तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के एक्शन पर निर्भर करती है. जब वे पैसा डालते हैं तो बाजार भागता है और जब पैसा निकालते हैं तो शेयर बाजार गिरने लगता है. जनवरी 2024 में विदेशी निवेशक 7 सेक्टरों के शेयर दफनाते नजर आए. एक सेक्टर के पीछे तो हाथ धोकर पड़ गए. हालांकि कुछ सेक्टरों में खरीदारी करते हुए नई पोजिशन भी बनाई.
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जनवरी में कुल 40,300 करोड़ रुपये (4.8 बिलियन डॉलर) के डंप कर दिए. इससे पहले के दो महीनों नवम्बर और दिसंबर 2023 में उन्होंने भारतीय बाजार में जमकर पैसा डाला था. जनवरी में जिस सेक्टर की जान लेने पर विदेशी निवेशक उतारू हुए, वह था फाइनेंशियल सर्विसेज (Financial Services). 40,300 करोड़ में से केवल 30,000 करोड़ रुपये की सेलिंग तो इसी सेक्टर में हुई.
एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, इन्हीं निवेशकों ने दिसंबर 2023 में, मतलब एक महीने पहले ही, इसी सेक्टर के 29,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे भी थे. इस सेक्टर को लेकर कुल मिलाकर, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का रवैया ‘रिटेल ट्रेडर्स’ जैसा रहा, जो काफी जल्दी-जल्दी सेक्टर और शेयर स्विच करते हैं. फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में विदेशियों के हाथों सबसे ज्यादा पिटने वाला स्टॉक रहा एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank). बैंकिंग सेक्टर का दिग्गज जनवरी के महीने में ही 14 फीसदी तक गिर गया. दरअसल, बैंक के तिमाही आंकड़े उत्साहजनक नहीं रहने की वजह से ऐसा हुआ.
विदेशी निवेशकों ने कुल मिलाकर जनवरी में सेलिंग ज्यादा की है, मगर वे IT, ऑयल एंड गैस, टेलीकॉम, पावर, और कैपिटल गुड्स जैसे सेक्टरों पर मेहरबान भी दिखे. IT शेयरों में विदेशी निवेशक लगातार तीसरे महीने भी नेट बायर बने रहे. उन्होंने 4,485 करोड़ रुपये डाले. नवम्बर से लेकर जनवरी तक उन्होंने इस सेक्टर में 10,400 करोड़ रुपये पंप कर दिए हैं. ऑयल एंड गैस सेक्टर में उन्होंने 3,467 करोड़ रुपये की शॉपिंग की है, जबकि टेलीकॉम, और पावर सेक्टर से 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का माल भर लिया है.