देश में आम चुनाव दस्तक देने वाले हैं. फिलहाल, लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन, सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार और विपक्ष दलों ने आगामी चुनाव के लिए कमर कस ली है. राजनीतिक दलों की तैयारी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस लोकसभा चुनाव में विभिन्न पार्टियां 1500 से 2000 करोड़ रुपये प्रचार पर खर्च कर सकती हैं.
एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री के एक अधिकारी ने यह दावा किया है. ग्रुप एम साउथ एशिया के सीईओ प्रशांत कुमार ने कहा, लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दल 1500 से 2000 करोड़ रुपये इलेक्शन कैंपेन पर खर्च कर सकती हैं. ऐसे में प्रचार-प्रसार से जुड़ी इंडस्ट्री और लोगों को इसका सीधा फायदा मिलेगा. आइये जानते हैं आखिर राजनीतिक दल कहां-कहां पर पैसा खर्च करने की तैयारी कर रहे हैं.
अखबार या टीवी प्रचार पर कहां सबसे ज्यादा खर्च
ग्रुप एम साउथ एशिया के सीईओ प्रशांत कुमार ने बताया कि हमें लगता है कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार बजट का 55 फीसदी हिस्सा डिजिटल मीडिया व विज्ञापन पर और 45 प्रतिशत हिस्सा अन्य चुनावी प्रचार तंत्र पर खर्च करेंगी. क्रेयॉन्स एडवटाइजिंग के चेयरमैन कुनाल लालानी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि 2024 के लोकसभा चुनावों के प्रचार पर खर्च होने वाली रकम 2019 के इलेक्शन से काफी ज्यादा होगी.’
बीजेपी-कांग्रेस का बजट सबसे ज्यादा
उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस पार्टी मुख्य रूप से चुनावी प्रचार-प्रसार पर ज्यादा पैसा खर्च करेंगी, जबकि क्षेत्रीय राजनीतिक दल का चुनावी बजट ज्यादा नहीं होगा. राजनीतिक दलों ने विभिन्न मीडिया हाउसेज से चुनाव प्रचार के संबंध में बातचीत कर रही हैं. बीसीसीएल के कार्यकारी निदेशक शिवकुमार सुंदरम का अनुमान है कि अकेले प्रिंट मीडिया, जिसमें अखबार, मैगजीन आते हैं, आदि को राजनीतिक दलों से 300 से 350 करोड़ के विज्ञापन मिलेंगे.
शिवकुमार सुंदरम ने कहा कि पिछले साल 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार पर 250 करोड़ रुपये खर्च किए थे. हैरानी की बात है कि 2019 में इलेक्शन कैंपेन पर सिर्फ 200 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.