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पेटीएम की लंका लगने से पहले ही शेयर बेच निकल लिए ये ‘खिलाड़ी’, फंसा रह गया आम निवेशक

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भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद से ही पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्‍यूनिकेशंस के शेयरों में जबरदस्‍त गिरावट आई है. आज यानी गुरुवार, 15 फरवरी को भी पेटीएम के शेयर में 5 फीसदी का लोअर सर्किट लग गया और अब यह 325.05 के रिकॉर्ड निचले स्‍तर पर पहुंच गया है. पेटीएम के शेयरों का यह हाल होगा, इस बात का अहसास भले ही खुदरा निवेशक को न हुआ हो, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) को इसका अहसास पहले से ही हो गया था. यही वजह रही कि दिसंबर तिमाही में ही एफआईआई ने पेटीएम के शेयरों की भारी बिकवाली की. उन्‍होंने 7,441 करोड़ रुपये मूल्‍य के पेटीएम बेच दिए.

एक और जहां विदेशी संस्‍थागत निवेशकों ने पेटीएम में में मुनाफावसूली की. दिसंबर तिमाही में खुदरा निवेशकों ने विजय शेखर शर्मा की कंपनी में अपनी हिस्सेदारी तेजी से बढ़ाई और तीसरी तिमाही के दौरान लगभग 2.89 करोड़ शेयर खरीदे. एफआईआई ने पेटीएम के अलावा, मारुति सुजुकी और पेट्रोनेट एलएनजी के शेयर भी दिसंबर तिमाही में खूब बेचे. तिमाही के अंत में मारुति के शेयरों में 3 फीसदी तो पेट्रोनेट एलएनजी के शेयरों में 7 फीसदी से अधिक की गिरावट आई.

689 कंपनियों में कम की हिस्‍सेदारी
इकोनॉमिक टाइम्‍स की एक रिपोर्ट के अनुसार, तिमाही आधार पर 689 एनएसई लिस्टेड कंपनियों में एफआईआई ने अपनी हिस्सेदारी कम की. एनएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में मूल्य के हिसाब से एफआईआई हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही में 18.19 फीसदी रह गई. सितंबर के यह 18.40 फीसदी थी. मुनाफावसूली के बावजूद अब भी एफआईआई की पेटीएम में हिस्‍सेदारी 63.7 फीसदी है. विजय शेखर शर्मा के पास पेटीएम में 9 फीसदी हिस्‍सेदारी है.