जी एंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज (Zee Entertainment Enterprises) की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. पहले सोनी के साथ मिलकर देश की सबसे बड़ी एंटरटेनमेंट कंपनी बनाने का सपना टूटा. फिर सोनी ने डील तोड़ने पर 700 करोड़ रुपये हर्जाने का मुकदमा ठोक दिया और अब बाजार नियामक सेबी ने भी कंपनी के खाते में हेरफेर करने की बात कही है. वह भी छोटा-मोटा नहीं 24 करोड़ डॉलर (करीब 2,000 करोड़ रुपये) का.
ब्लूमबर्ग के हवाले से पता चला है कि जी के फाउंडर्स की जांच के दौरान कंपनी के खाते में करीब 2 हजार करोड़ रुपये की हेराफेरी का पता चला है. यह आंकड़ा सेबी की शुरुआती जांच में लगाए अनुमान से भी 10 गुना ज्यादा है. हालांकि, यह अमाउंट अभी फाइनल नहीं है और सेबी अपनी जांच व समीक्षा के बाद इसमें बदलाव भी कर सकती है.
वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी
सेबी ने जी के शीर्ष अधिकारियों को नोटिस भी जारी किया है. कंपनी के फाउंडर सुभाष चंद्रा, उनके बेटे पुनीत गोयनका सहित बोर्ड के अन्य मेंबर्स को भी नोटिस जारी कर पूरे मामले का विवरण मांगा है. फिलहाल सेबी ने इस पूरे मामले पर ज्यादा डिटेल नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि जांच से कंपनी के सामने मुश्किलें पैदा हो सकती हैं.
पूरे मामले पर क्या बोली कंपनी
जी के प्रवक्ता ने फंड को लेकर कुछ भी बोलने से इनकार किया है, लेकिन सेबी की जांच में पूरा सहयोग करने की बात कही है. सेबी ने पिछले साल अक्टूबर में ही चंद्रा और गोयनका को किसी भी कंपनी में सीईओ या लीडिंग पोजिशन लेने से रोक दिया था. जांच शुरू होने के बाद से ही सेबी कंपनी के फंड का व्यक्तिगत इस्तेमाल करने का आरोप लगाती रही है.
जांच का डील पर भी असर
सोनी और जी के बीच करीब 83 हजार करोड़ की मर्जर डील जनवरी में कैंसिल हो गई थी. सोनी ने इसके पीछे सेबी की जांच को भी बड़ा कारण बताया था. हालांकि, सोमवार को ऐसी खबर आई कि दोनों कंपनियां एक बार फिर डील पर बातचीत शुरू कर रही हैं, लेकिन जी की ओर से इन खबरों को नकार दिया गया. इसका असर जी के शेयरों पर भी दिखा जो सुबह 9.43 बजे 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट पर कारोबार कर रहे थे.