इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का सिक्योरिटी सिस्टम कितना पुख्ता है, इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि कोई भी शख्स जब चाहता है और जैसे चाहता है, सुरक्षा में सेंध लगाकर निकल जाता है. घटना के बाद, संबंधित एजेंसियों के बड़े अधिकारी कार्रवाई के नाम पर बेबस मातहतों को निलंबित कर सिर्फ लकीर पीटते नजर आते हैं और हालात एक बार फिर जस के तस हो जाते हैं.
आईजीआई एयरपोर्ट पर एक बार फिर ऐसा ही कुछ हुआ है. एक शख्स एयरपोर्ट सिक्योरिटी का भविष्य कहे जाने वाले डिजी यात्रा के पूरे सिक्योरिटी सिस्टम को भेद कर टर्मिनल थ्री में दाखिल हो जाता है. गनीमत रही कि समय रहते सीआईएसएफ इंटेलीजेंस टीम के प्रोफाइलर्स की निगाह इस शख्स पर पड़ गई. जिसके बाद इस संदिग्ध शख्स को हिरासत में लेकर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया.
वहीं आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने इस संदिग्ध शख्स की पहचान जोगेंद्र नाथ के रूप में की है. डायल सिक्योरिटी शिफ्ट इंचार्ज आईजे जेम्स की शिकायत के आधार पर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने जोगेंद्र नाथ नामक इस शख्स के खिलाफ आईपीसी की धारा 447 (ट्रेसपास) के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस सहित संबंधित एजेंसियों की जांच जारी है. एयरपोर्ट सिक्योरिटी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, टर्मिनल बिल्डिंग के भीतर की गतिविधियों पर निगाह रखने के लिए तैनात किए गए सीआईएसएफ इंटेलीजेंस प्रोफाइलर्स की निगाह संदिग्ध रूप से घूम रहे एक शख्स पर पड़ी. सीआईएसएफ प्रोफाइलर ने तत्काल इसकी जानकारी सिक्योरिटी कंट्रोल रूम में मौजूद सहकर्मियों से साझा किया और कैमरों के जरिए इस शख्स पर नजर रखने का अनुरोध किया.
डिजी यात्रा सिक्योरिटी सिस्टम को इस तरह से प्रोग्राम किया गया है कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति टर्मिनल बिल्डिंग में प्रवेश नही कर पाएगा. इसके लिए गेट पर फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी से लैसे कैमरे लगाए गए हैं और बोर्डिंग पास के बार कोड को पढ़ने के लिए क्यूआर कोड स्कैनर लगाए गए हैं.लेकिन इस केस में सारे दावे खोखले साबित हुए. कैमरे न ही आरोपी शख्स का चेहरा पढ़ पाए और न ही क्यूआर कोड स्कैनर डुप्लीकेसी को पकड़ पाया.