मोबाइल, इंटरनेट और मैसेज के जरिए होने वाले cyber अपराधों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने संचार साथी पहल के तौर पर दो नए प्लेटफॉर्म लॉन्च किए हैं. इनमें पहला चक्षु तो दूसरा डिजिटल इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म है. ये दोनों प्लेटफॉर्म्स यूजर्स को धोखाधड़ी ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाते हैं. जहां चक्षु, लोगों को संदिग्ध मैसेज, नंबर और फिशिंग के प्रयासों की रिपोर्ट करने की सुविधा देता है. वहीं, डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म, बैंकों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य संगठनों को cyber अपराधियों के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान करने की सुविधा देता है.
केंद्रीय आईटी और कम्युनिकेशन मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि धोखाधड़ी और अपराध से निपटने के लिए डिजिटल हस्तक्षेप के माध्यम से, दूरसंचार सेवा विभाग ने पिछले 9 महीनों में नागरिकों को लगभग ₹1000 करोड़ खोने से बचाया है. इसके अलावा, धोखाधड़ी वाले लेनदेन से जुड़े बैंक खातों में ₹1008 करोड़ फ्रीज कर दिए.
“चक्षु पोर्टल का इस्तेमाल धोखाधड़ी से जुड़े संदिग्ध कम्युनिकेशन की रिपोर्ट करने के लिए किया जा सकता है. इसमें यूजर्स नंबर, फिशिंग और मैसेज के बारे में रिपोर्ट कर सकेंगे. अश्विनी वैष्णव ने कहा, “चक्षु और डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के जरिए हम जिस गति से हम cyber धोखाधड़ी का पता लगाने और उसे रोकने में सक्षम थे, उसमें काफी सुधार होगा.”
वहीं, दूरसंचार विभाग ने डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म (DIP) भी पेश किया है, जिसका मकसद धोखाधड़ी की घटनाओं की शिकायत प्रभावी ढंग से करने और कानूनी एजेंसियों, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के बीच सूचनाओं के समन्वय और आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करना है.