स्ट्रेटिजिक फोर्स कमान (एसएफसी) ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर नई पीढ़ी की ‘अग्नि-प्राइम’ बैलिस्टिक मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण किया. रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि ‘उड़ान परीक्षण 3 अप्रैल को शाम करीब सात बजे ओडिशा तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया था.’ इस मिसाइल का टारगेट दायरा 1000 से 2000 किलोमीटर है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ, एसएफसी और सशस्त्र बलों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि मिसाइल के सफल विकास और सशस्त्र बलों में इसके शामिल होने से सेना की शक्ति कई गुना बढ़ जायेगी. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने सफल उड़ान परीक्षण के प्रयासों की सराहना की.
इससे पहले पिछले साल 07 जून, 2023 को ओडिशा के तट पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था. उड़ान परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अपने सभी टारगेट को सफलतापूर्वक लक्षित किया था.
परीक्षण ने अपने सभी लक्ष्यों को हासिल करते हुए विश्वसनीय प्रदर्शन किया. टर्मिनल बिंदु पर रखे गए दो डाउनरेंज जहाजों सहित विभिन्न स्थानों पर तैनात कई रेंज सेंसर द्वारा कैप्चर किए गए डेटा से इसकी पुष्टि हुई है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, स्ट्रेटिजिक फोर्सेज कमांड के प्रमुख और डीआरडीओ तथा भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी परीक्षण के मौके पर मौजूद थे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक परीक्षण से पहले चीन का जासूसी शीप भी इस क्षेत्र से गुजरा था.