भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश के सभी बैंकों या एनबीएफसी के कामकाजों पर नजर रखती है. जब भी कोई बैंक आरबीआई के नियमों को अनदेखा कर अपनी मनमानी करता है तो केंद्रीय बैंक उस पर जुर्माना लगा सकता है. इसी कड़ी में आरबीआई ने महाराष्ट्र स्थित शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक (Shirpur Merchants’ Co-operative Bank) की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए अकाउंट्स से विड्रॉल समेत कई सर्विसेज पर 8 अप्रैल को रेस्ट्रिक्शन लगा दिया.
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि 8 अप्रैल का कारोबार बंद होने के बाद से यह को-ऑपरेटिव बैंक कोई भी नया लोन नहीं दे सकेगा और न ही यह कोई निवेश कर पाएगा. इसके साथ केंद्रीय बैंक की पूर्व-अनुमति के बगैर बैंक को अपनी प्रॉपर्टीज या एसेट्स के ट्रांसफर या डिस्पोज की भी अनुमति नहीं होगी.
पैसा निकालने की अनुमति नहीं
आरबीआई ने यह कदम शिरपुर मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक की मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए उठाया है. इसमें सभी सेविंग्स बैंक या करंट अकाउंट या डिपॉजिटर के किसी भी अन्य अकाउंट्स में कुल शेष राशि से कोई राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. हालांकि, बैंक ग्राहक आरबीआई की इन शर्तों के तहत अकाउंट में जमा अपनी राशि में से कर्ज का पेमेंट कर सकेंगे.
6 महीने तक लागू रहेंगे रेस्ट्रिक्शन
शिरपुर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक पर 8 अप्रैल, 2024 को कारोबार बंद होने से लगे रेस्ट्रिक्शन 6 महीने तक लागू रहेंगे. हालांकि रिजर्व बैंक ने कहा कि इन निर्देशों को बैंक का लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए. उसने कहा कि बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक इन रेस्ट्रिक्शन के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा.