चीन और अमेरिका के बीच भले ही बीते साल संबंधों में कुछ सुधार होता दिखा हो लेकिन अंदर खाने कुछ भी ठीक नहीं चल रहा. चीन के ताजा कदम से अमेरिका का मिर्ची लगना तय है. दरअसल, हुआ कुछ यूं कि चीन ने अमेरिका की दो बड़ी कंपनियों पर बैन लगा दिया है. इतना ही नहीं इन दो कंपनियों की चीन में संपत्ति को भी सीज कर दिया गया है. मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर इन दो कंपनियों ने ऐसा क्या किया है, जिसे ड्रैगन इतना भड़क गया.
चीन का दावा है कि इन दो कंपनियों के ताइवान को हथियारों की बिक्री का समर्थन किया, जिसके कारण यह प्रतिबंध लगाया जा रहा है. ताइवान और चीन का बेहद पुराना इतिहास है. चीन ताइवान को अपने ही देश का हिस्सा मानता है जबकि सच्चाई यह है कि ताइवान एक स्वशासित द्वीप है. चीन हमेशा से ही ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और दावा करता है कि यदि आवश्यक हो तो बल के दम पर उसे वापस हासिल कर सकता है.
चीन की घोषणा के अनुसार चीन में मौजूद जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स और जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स की संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है. कंपनियों के प्रबंधन से जुड़े लोगों के भी देश में प्रवेश करने पर रोक रहेगी. यह तुरंत स्पष्ट नहीं है कि चीन के भीतर कंपनियों के पास क्या-क्या है. जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिन की पिछले साल मुलाकात हुई थी. इसके बाद माना जा रहा था कि दोनों देशों के बीच संबंध फिर से पटरी पर आ सकते हैं लेकिन असलियत इससे कोसो दूर है. दोनों देश पहले भी एक दूसरे देशों की कंपनियों पर प्रतिबंध लगाते रहे हैं.