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185 ड्रोन, 110 बैलिस्टिक और 36 क्रूज मिसाइल…ईरान का इजरायल पर हमले से दुनिया भर में खलबली

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सीरिया में ईरान के ठिकानों पर इजरायली एयर स्‍ट्राइक के बाद से ही पश्चिम एशिया में कुछ बड़ा होने की आशंका जताई जा रही थी. अब यह आशंका सच साबित हो गई. ईरान ने इजरायल पर दर्जनों ड्रोन और मिसाइल से हमला कर दिया. हालांकि, इजरायली सैन्‍य अधिकारियों ने सिर्फ एक सैन्‍य ठिकाने को मामूली नुकसान पहुंचने का दावा किया है. मीडिया रिपोर्ट में एक बच्‍ची के घायल होने की बात कही जा रही है. दूसरी तरफ, एक अन्‍य रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने इजरायल पर 185 ड्रोन के जरिये हमला किया. इसके साथ ही तेहरान की ओर से 110 जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें भी दागी गईं. क्रूज मिसाइल फायर करने की भी बात कही जा रही है.

ईरान ने इजरायल पर 185 ड्रोन से हमला किया. इसके अलावा 110 जमीन से जमीन पर मार करने वाली और 36 क्रूज मिसाइलें भी दागी गईं. इससे इजरायली क्षेत्र का आसमान पट गया. मीडिया में आए वीडियो को देखने पर ऐसा लग रहा है मानो आतिशबाजी चल रही हो. रिपोर्ट के मुताबिक, ज्‍यादातर मिसाइलें और ड्रोन ईरान से ही छोड़ गया, जबकि कुछ मिसाइलें इराक और यमन से भी दागी गई हैं. ईरानी हमले की सूचना मिलते ही पश्चिमी देश इजरायल की रक्षा के लिए सामने आ गए. अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने बताया कि ईरान की तरफ से दागी गईं तकरीबन सभी मिसाइलों और ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया गया.

इजरायल के अधिकारियों का हवाला
‘न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स’ ने अपनी रिपोर्ट में इजरायल के दो अधिकारियों का हवाला द‍िया है. इन अधिकारियों का कहना है कि कुल मिलाकर 331 ड्रोन और मिसाइलें उनके देश की तरफ दागी गईं. इनमें से 185 ड्रोन, 110 सरफेस टू सरफेस मार करने वाली मिसाइलें और 36 क्रूज मिसाइलें थीं. बता दें कि मारक क्षमता के लिहाज से क्रूज मिसाइलें काफी खतरनाक होती हैं. यह अपने टारगेट को तबाह करने में ज्‍यादा सक्षम होते हैं. इसमें अत्‍याधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाता है.

हम गंभीर रूप से चिंतित- भारत
ईरान और इजरायल दोनों ही देशों के साथ भारत के संबंध बेहद अच्‍छे हैं. ऐसे में भारत ने तेल अवीव और तेहरान के बीच सैन्‍य टकराव पर गंभीर चिंता जताई है. भारत ने टकराव को अविलंब बंद करने का आग्रह किया है. भारत ने अनुरोध किया कि हिंसा और टकराव का रास्‍ता छोड़ कर दोनों देशों को कूटनीति के जरिये अपनी समस्‍याओं का समाधान तलाशना चाहिए. नई दिल्‍ली ने कहा कि ताजा डेवलपमेंट से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया है.