गर्मियों का सीजन रेलवे के लिए हाई ट्रैफिक का समय होता है. स्कूलों की लंबी छुट्टियों के चलते लोग एक-जगह से दूसरी जगह सफर करने लगते हैं. कोई परिवार सहित वैकेशन पर निकल पड़ता है तो कोई दादी-नानी और रिश्तेदारों के यहां. ऐसे में सबसे ज्यादा दबाव बढ़ता है, देश की लाइफलाइन भारतीय रेलवे पर. लोगों को टिकट के लिए झूझना पड़ता है. साथ ही भारी भीड़ का सामना भी करना पड़ता है. हालांकि, इस साल रेलवे ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर तैयारी की है. रेलवे इस साल रिकॉर्ड संख्या में स्पेशल ट्रेन चला रही है. इन विशेष रेलगाड़ियों के 9111 फेरे चलाए जाएंगे. यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 2742 राउंड ज्यादा है. यात्रियों की मांग को पूरा करने के लिए उत्तर रेलवे द्वारा भी स्पेशल ट्रेनों के 778 राउंड चलाए जाएंगे.
पिछले साल भारतीय रेलवे ने लगाए थे 6369 फेरे
उत्तर रेलवे द्वारा दी है जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष स्पेशल ट्रेनों के 416 राउंड चलाए गए थे. इस साल 362 अधिक राउंड लगाए जाएंगे. पिछले साल भारतीय रेलवे ने कुल 6369 फेरे लगाए थे जबकि इस साल यह संख्या बढ़ाकर 9111 फेरे कर दी गई है. प्रमुख रेल मार्गों पर निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए देश भर के प्रमुख गंतव्यों को जोड़ने के लिए अतिरिक्त ट्रेनों की योजना बनाई गई है. समस्त जोनल रेलों द्वारा गर्मियों के मौसम में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों से यात्रियों की भीड़भाड़ को कम करने के लिए इन अतिरिक्त फेरों को संचालित करने की तैयारी की गई है.
वेटिंग लिस्ट के हिसाब से चलाई जाती हैं स्पेशल ट्रेन
अतिरिक्त ट्रेनों की योजना बनाना और संचालित करना एक सतत प्रक्रिया है. इसके लिए किसी रूट पर चलने वाली रेलगाड़ियों की मांग का आकलन करने के लिए पीआरएस प्रणाली में वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों के विवरण के अलावा मीडिया रिपोर्ट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, रेलवे इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन नंबर 139 जैसे सभी संचार चैनलों से 24×7 इनपुट लिए जाते हैं. इस इनपुर के आधार पर ट्रेनों की संख्या और फेरों की संख्या बढ़ाई जाती है.
पीने के पानी और सुरक्षा की व्यवस्था भी बढ़ाई गई
साथ ही गर्मियों के मौसम में रेलवे स्टेशनों पर पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं. रेलवे स्टेशनों पर भीड़भाड़ को नियंत्रित रखने की व्यापक व्यवस्था भी की गई है. सामान्य श्रेणी के डिब्बों में प्रवेश के लिए कतार प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए और सीसीटीवी कंट्रोल रूम में भी आरपीएफ कर्मचारी तैनात किए गए हैं. भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कर्मचारी फुट ओवर ब्रिज पर तैनात किए गए हैं.