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राम मंदिर का जिक्र MCC का उल्लंघन नहीं… PM मोदी को चुनाव आयोग से क्लीनचिट, EC ने फैसले में क्या कहा

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लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियों के बीच पीएम मोदी को चुनाव आयोग से क्लीन चिट मिल गई है. पीएम मोदी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता (MCC) उल्लंघन की शिकायत मामले में चुनाव आयोग का पहला फैसला आ गया है. सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग का मानना है कि यूपी की पीलीभीत वाली रैली में राम मंदिर और करतारपुर कॉरिडोर का जिक्र चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है.

सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के पहले मामले में अपना फैसला सुनाया. चुनाव आयोग ने कहा कि वह राम मंदिर निर्माण के जिक्र को धर्म के आधार पर वोट की अपील नहीं मानता. चुनाव आयोग शिकायतकर्ता वकील आनंद जोंदाले को जल्द ही जवाब भेज सकता है.

सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र कर रहे थे और उनके बयान से किसी तरह की कटुता को बढ़ावा नहीं मिलता. यहां बताना जरूरी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीलीभीत की रैली में राम मंदिर निर्माण और करतापुर कोरिडोर के घटनाक्रम का जिक्र किया था. प्रधानमंत्री मोदी ने पीलीभीत की रैली में राम मंदिर निर्माण को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर हमला किया था.

क्या है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला यह है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील आनंद एस. जोनदाले ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि 9 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की पीलीभीत में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू पूजा स्थलों और सिखों के पवित्र स्थलों और सिख गुरुओं के नाम पर वोट मांगे थे. उन्होंने पीएम मोदी पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से पीएम मोदी की शिकायत की थी. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को लिखे खत में येचुरी ने आरोप लगाया था कि भाषण में राम मंदिर निर्माण जिक्र करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.

राजस्थान वाले मामले पर भी आयोग कर रहा पड़ताल
बता दें कि चुनाव आयोग के सामने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अभी और भी शिकायतें हैं. चुनाव आयोग ने पीएम मोदी की ओर से राजस्थान में दिए गए उस भाषण के खिलाफ दर्ज शिकायतों की पड़ताल शुरू कर दी है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह लोगों के धन को मुस्लिमों में वितरित करेगी. कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मोदी द्वारा रविवार को दिए गए भाषण को लेकर आयोग को अलग अलग शिकायतें दी थीं. कांग्रेस ने आयोग से राजस्थान के बांसवाड़ा में की गई मोदी की ‘धन के पुनर्वितरण’ वाली टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए आरोप लगाया कि ये टिप्पणियां ‘विभाजनकारी’ तथा ‘दुर्भावनापूर्ण’ हैं और एक विशेष धार्मिक समुदाय को लक्षित कर की गई हैं. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर आयोग से शिकायतों का संज्ञान लेने और मोदी तथा भाजपा के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया था. उन्होंने यह भी मांग की कि साम्प्रदायिक भावनाओं और नफरत को भड़काने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की जाए.

राजस्थान में पीएम मोदी ने क्या कहा था?
पीएम मोदी ने ने रविवार को दावा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति को मुसलमानों में वितरित करेगी और उन्होंने अपने इस दावे के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इस टिप्पणी का हवाला दिया था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है.