शराब घोटाले के मामले में हैदराबाद में रहने वाले आरोपी बिजनेसमैन अरुण रामचंद्र पिल्लई ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. याचिका लगाकर उन्होंने सीबीआई द्वारा जांच के निष्कर्ष पर पहुंचने तक आरोपपत्र पर बहस शुरू करने पर रोक की मांग की. ट्रायल कोर्ट द्वारा याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी है. न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने याचिका पर सीबीआई को समन जारी कर उन्हें अपना रुख साफ करने के लिए कहा है. पेश मामले में अब 3 मई को आगे की सुनवाई होगी.
दिल्ली शराब घोटाले के मामले में कुल दो मुकदमे दर्ज हैं. सीबीआई भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामले की जांच कर रही है. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय के पास मनी ट्रेल का पता लगाने की जिम्मेदारी है. ईडी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट तहत अरेस्ट कर चुकी है.
पिल्लई ने 22 मार्च को पारित ट्रायल कोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए तर्क दिया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक सीबीआई के लिए मामले में और आरोपियों को शामिल करना संभव है. लिहाजा आरोप तय करने की कार्रवाई को स्थगित किया जाना चाहिए. उन्होंने याचिका में कहा है कि उनके आवेदन को खारिज करने का ट्रायल कोर्ट का आदेश मनमाना, अवैध और उनके मौलिक और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन है.