गांजा तस्करी के एक मामले में वर्ष 2005 में सगीर खान सहित चार पर हुआ था मामला दर्ज, मध्य प्रदेश की बिजुरी पुलिस ने किया गिरफ्तार
चार आरोपियों में से दो सजा काट चुके दो थे फरार
वर्ष 2005 में एन डी पी एस के मामले में न्यायालय ने जारी किया था स्थाई वारंट
अपनी संदिग्ध एवं विवादित गतिविधियों के लिए चर्चित सगीर खान को मध्य प्रदेश की बिजुरी पुलिस छत्तीसगढ़ के पेंड्रा से गिरफ्तार करके ले गई है जहां उसे न्यायालय के समक्ष पेश किए जाने पर सीधे जेल भेज दिया गया है। आरोपी बीते 14 दिन से शहडोल जेल में बंद है।
पेंड्रा। कहते हैं अपराधी कितना ही शातिर और मास्टरमाइंड क्यों ना हो कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता है। अपराधी कानून को चाहे धोखा देने की जितनी भी कोशिश कर ले एक न एक दिन कानून के हाथ अपराधी तक पहुंच ही जाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ है पेंड्रा थाना अंतर्गत ग्राम सेंवरा -दुबटिया में रहने वाले सगीर खान के साथ जो बीते 19 साल से मध्य प्रदेश की बिजुरी पुलिस को धोखा देकर यहां छिपा हुआ था। वहीं इस संबंध में मध्य प्रदेश के बिजुरी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2005 में गांजा तस्करी के मामले में बिजुरी पुलिस को आरोपी सगीर खान की तलाश थी। न्यायालय ने आरोपी सगीर खान के खिलाफ स्थाई वारंट जारी किया था। वर्ष 2005 में सगीर खान उर्फ बिहरिया बिजुरी थाना अंतर्गत खोंगापानी क्षेत्र में रहता था। वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला था। वर्ष 2005 में बिजुरी थाना अंतर्गत गांजा तस्करी के एक अपराध में बिजुरी पुलिस को वांटेड था।बिजुरी पुलिस में एनडीपीएस का मामला दर्ज होने के बाद सगीर खान वहां से फरार होकर पेंड्रा थाना अंतर्गत के दुबटिया -सेंवरा बीच स्थित मोहल्ले में अपनी पहचान छुपा कर रह रहा था। यहां भी उसकी गतिविधियां अत्यंत संदिग्ध एवं विवादास्पद रही तथा आए दिन वह नए-नए विवादों को जन्म देता रहता था। उधर बिजुरी पुलिस पुलिस को 2005 के एनडीपीएस मामले में सगीर खान पिता रसीद खान वांटेड था तथा न्यायालय ने उसके खिलाफ स्थाई वारंट जारी किया था। इस मामले में बिजुरी पुलिस लगभग 14 दिन पूर्व 27 अप्रैल 2024 को पेंड्रा आई थी जहां स्थाई वारंट के आधार पर उसे यहां से गिरफ्तार कर कर ले गई थी जहां से उसे सीधे जेल भेज दिया गया। सगीर खान इन दिनों बीते 14 दिन से शहडोल जेल की हवा खा रहा है तथा अभी तक उसकी जमानत नहीं हुई है। बात बनाने में होशियार, शातिर अपराधी सगीर खान 19 साल बाद पकड़े जाने के बावजूद भी पुलिस को धोखा देने की कोशिश की।प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि 27 अप्रैल 2024 को जिस दिन बिजुरी पुलिस आरोपी सगीर खान को पकड़ने आई थी उस दिन भी आरोपी पुलिस को छकाने का प्रयास किया तथा अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करता रहा। कभी वह अपना नाम सतबीर खान बताता तो कभी साबिर अंसारी मगर पुलिस के आगे उसकी एक भी नहीं चली। पुलिस उसकी कई दिन से मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसकी रैकी कर रही थी तथा पुष्टि के बाद ही उसकी गिरफ्तारी की गई।
वर्ष 2005 में मध्य प्रदेश की बिजुरी पुलिस ने रमजान ,नारायण गुप्ता, मुंतसिर एवं सगीर खान सहित चार आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया था मामला
चार आरोपियों में से दो काट चुके हैं सजा तथा दो थे फरार
इस संबंध में जो जानकारी प्राप्त हुई है उसके अनुसार बिजुरी पुलिस ने 24 अप्रैल 2005 को मोहम्मद सगीर, मोहम्मद रमजान , मुंतसिर एवं नारायण के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी जिसमें इन चारों के द्वारा टाटा सुमो क्रमांक सीजी 16 बी 0279 से गाजा की तस्करी की जा रही थी। मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर बिजुरी थाना अंतर्गत खोंगापानी के पास पुलिस ने गांजा भर कर ले जा रही टाटा सुमो पकड़ी थी एवं टाटा सुमो समेत माल बरामद किया था परंतु अंधेरे का फायदा उठाकर दो आरोपी सगीर खान एवं मुंतशिर फरार हो गए जबकि बिजुरी पुलिस ने दो आरोपी ड्राइवर रमजान और नारायण को गिरफ्तार कर लिया था तथा एनडीपीएस की धाराओं में कार्यवाही की गई थी।मामला साल दर साल पुराना होता गया तथा बिजुरी पुलिस ने दो आरोपियों के फरारी में ही न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया था जिसके बाद गिरफ्तार दो आरोपियों रमजान एवं नारायण को सजा हो गई थी। इधर सगीर खान मध्य प्रदेश छोड़कर छत्तीसगढ़ आ गया तथा यहां पेंड्रा थाना अंतर्गत के ग्राम दुबटिया सेंवरा अपने ससुर सुभान अली के यहां शरण ले ली थी तथा पहचान छिपा कर यही रहने लगा। सुभान अली के फौत होने के बाद वह छोटा-मोटा कारोबार करने लगा तथा धीरे-धीरे उसने यहां अपना पैर जमा लिया था तथा काफी रसूखदार हो गया था एवं राजनीतिक दखलअंदाजी भी करने लगा था। वह वह यहां ग्राम पंचायत में ठेकेदारी करने के साथ बीते कई वर्षों से लाखों रुपए में होने वाला दुबटिया का बकरी बाजार और मछली का ठेका दूसरों के नाम पर लेता था। वह ग्राम पंचायत सेंवरा एवं कुड़कई का डिफॉल्टर भी था। गांव के लोग बताते हैं कि वह अलग-अलग लोगों के नाम पर ट्रैक्टर पिकअप ऑटो इत्यादि भी फाइनेंस करा कर रखा है जिसका मालिकाना उसी के पास है। विभिन्न लोगों के नाम पर ट्रैक्टरों लेकर वह रेत के कारोबार तथा लकड़ी के कारोबार से भी जुड़ा हुआ था।वह लोगों को चमकाने -धमकाने का भी काम करता था जिसके कारण आस पड़ोस में वह दहशत फैला कर रखा था। फिलहाल बिजुरी पुलिस द्वारा सगीर खान की गिरफ्तारी एवं उसके जेल जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत महसूस की है।
प्रधानमंत्री आवास घोटाले में 30 सितंबर 2020 को पेंड्रा थाना में हुई थी सगीर खान के खिलाफ शिकायत, नहीं हुई थी कार्रवाई
पेंड्रा पुलिस सगीर खान के खिलाफ कस सकती है शिकंजा
वर्ष 2018-19 में सगीर खान ने ग्राम पंचायत सेवरा में प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान का ठेका लिया था जिसमें ठेका लेने के नाम पर उसने विभिन्न हित ग्राहियों से धोखाधड़ी भी की थी। इन्हीं हितग्राहियों में से एक आदिवासी रामलाल सोनवानी पिता सुखनंदन सोनवानी ने दिनांक 30 सितंबर 2020 को सगीर खान के खिलाफ दो अलग-अलग शिकायतें की थी जिसमें उसने सगीर खान पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। एक शिकायत में रामलाल सोनवानी ने सगीर खान पर आरोप लगाया था कि उसने उसकी मौसी बुधवारिया बाई सहदेव का प्रधानमंत्री आवास का पैसा निकाल कर रख लिया है तथा उसे विड्रोल फॉर्म में दस्तखत कराकर उसके मरने के बाद भी राशि का आहरण किया। इस गंभीर शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की थी परंतु अपने हुनर में माहिर सगीर खान ने मामले को दबवा लिया था था। इसी तरह की एक शिकायत फूल कुंवर गोंड़ द्वारा की गई थी। संभावना व्यक्त की जा रही है कि मध्य प्रदेश की बिजुरी पुलिस द्वारा सगीर खान की गिरफ्तारी के बाद अब पेंड्रा पुलिस भी धोखाधड़ी के उस पुराने मामलों में सगीर खान पर शिकंजा कस सकती है।