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कुवैत अग्निकांड में कैसे गई 40 भारतीयों की जान? 10 प्वाइंट में जानें कब-क्या हुआ

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कुवैत से बुधवार को ऐसी खबर आई, सुनते ही भारत में शोक की लहर दौड़ गई. कुवैत के मंगफ क्षेत्र में विदेशी मजदूरों वाली एक बहुमंजिला इमारत में बुधवार को भीषण आग लग गई. इस अग्निकांड में कुल 49 लोगों की मौत हो गई. इनमें 40 भारतीय थे. इस हादसे में 50 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए. यह आग उस वक्त इमारत में लगी, जब प्रवासी मजदूर सो रहे थे. बताया जा रहा है कि इस इमारत में कुल 196 लोग रहते थे. अल-मंगफ नामक बिल्डिंग में भीषण आग लगने से कुल 49 लोगों की जान गई है. मरने वालों में 40 भारतीयों के अलावा, बाकी पाकिस्तान, फिलीपिन, मिस्र, नेपाल के नागरिक थे. इस बीच पीएम मोदी ने कुवैत अग्निकांड पर समीक्षा बैठक की और प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतक भारतीय नागरिकों के परिवारों को 2 लाख अनुग्रह राशि का ऐलान किया. पीएम मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है. तो चलिए जानते हैं कि आखिर इस कुवैत अग्निकांड में क्या-क्या हुआ और अभी क्या अपडेट हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस घटना को ‘दुखद’ बताया. उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में इस घटना से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की. पीएम मोदी ने मृतक भारतीय नागरिकों के परिवारों के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि भी घोषित की. उन्होंने निर्देश दिया कि सरकार को सभी संभव सहायता उपलब्ध करानी चाहिए.
विदेश मंत्रालय ने बुधवार देररात एक बयान में कहा, ‘कुवैत के मंगफ क्षेत्र में एक आवासीय इमारत में आज दिन में आग की एक दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुखद घटना में करीब 40 भारतीयों के बारे के माना जा रहा है कि उनकी जान चली गयी तथा 50 से अधिक अन्य घायल हो गये. इस इमारत में श्रमिक रहते थे.’ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फोन पर अपने कुवैती समकक्ष अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बातचीत की और उनसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि आग लगने के कारण जान गंवाने वाले भारतीयों के शव शीघ्र भारत भेजे जाएं.
विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर रात एक बयान में कहा, ‘कुवैत के मंगफ क्षेत्र में एक आवासीय इमारत में आज दिन में आग की एक दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुखद घटना में करीब 40 भारतीयों के बारे के माना जा रहा है कि उनकी जान चली गयी तथा 50 से अधिक अन्य घायल हो गये. इस इमारत में श्रमिक रहते थे.’ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फोन पर अपने कुवैती समकक्ष अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बातचीत की और उनसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि आग लगने के कारण जान गंवाने वाले भारतीयों के शव शीघ्र भारत भेजे जाएं.
प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह आग में घायल हुए भारतीयों की सहायता की निगरानी करने और मारे गए लोगों के शवों को शीघ्र स्वदेश पहुंचाने के कार्य में सहयोग के लिए कुवैत जा रहे हैं. एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुवैत में भारतीय दूतावास कुवैती अधिकारियों से पूरा ब्योरा जुटाने में लगा है. कुवैत में जो लोग घायल हुए हैं, उन्हें पांच सरकारी अस्पतालों (अडन, जाबेर, फरवानिया, मुबारक अल कबीर और जाहरा) में भर्ती कराया गया है और उनका उपयुक्त इलाज किया जा रहा है एवं ध्यान रखा जा रहा है.
बताया जा रहा है कि हताहत हुए भारतीयों में ज्यादातर केरल के हैं. अंग्रेजी दैनिक अरब टाइम्स ने उनके हवाले से कहा कि मृतकों में अधिकतर केरल, तमिलनाडु और उत्तर भारतीय राज्यों के भारतीय नागरिक शामिल हैं जिनकी उम्र 20 से 50 साल के बीच थी. संबंधित इमारत को एनबीटीसी समूह ने किराए पर ले रखा था. अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर लोगों की मौत धुएं से दम घुटने के कारण तब हुई जब वे सोए हुए थे. उन्होंने कहा कि कई लोगों को बचा लिया गया.
अधिकारियों की मानें तो आग कुवैत के दक्षिणी अहमदी गवर्नेट के मंगफ़ क्षेत्र में छह मंजिला इमारत की रसोई में लगी. उन्होंने कहा कि इमारत में एक ही कंपनी के 195 मजदूर रहते थे. कुवैत टाइम्स अखबार की खबर के अनुसार, गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आग से मरने वालों की संख्या 49 तक पहुंच गई है.
कुवैत में भारतीय दूतावास ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. भारतीय दूतावास ने कहा कि भारतीय कामगारों को चपेट में लेने वाली दुखद अग्नि दुर्घटना के संबंध में दूतावास ने एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किया है: +965-65505246. सभी संबंधित लोगों से लेटेस्ट जानकारी के लिए इस हेल्पलाइन से जुड़ने का अनुरोध किया जाता है. दूतावास हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.’ भारतीय दूतावास ने कहा कि वह आवश्यक कार्रवाई के लिए कुवैती कानून प्रवर्तन अधिकारियों, अग्निशमन सेवा और स्वास्थ्य विभाग के संपर्क में है.
कुवैत की कुल आबादी का 21 प्रतिशत (10 लाख) और इसकी श्रमशक्ति का 30 प्रतिशत (लगभग नौ लाख) भारतीय हैं. कुवैत में भारतीय राजदूत आदर्श स्वैका ने घटनास्थल और बाद में विभिन्न अस्पतालों (अल-अदान अस्पताल, फरवानिया अस्पताल, मुबारक अल-कबीर अस्पताल और जहरा अस्पताल) का दौरा किया जहां 50 से अधिक घायल भारतीय श्रमिकों को भर्ती कराया गया है.
कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह ने भी अधिकारियों को भीषण आग की जांच करने का आदेश दिया और त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने का संकल्प लिया. देश के युवराज शेख सबाह खालिद अल-हमद अल-सबाह और प्रधानमंत्री शेख अहमद अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबाह ने लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि इमारत में आग की लपटें देखकर वे डर गए थे. इनमें से एक प्रत्यक्षदर्शी ने घटना को याद करते हुए कहा कि एक व्यक्ति ने इमारत की पांचवीं मंजिल से छलांग लगा दी और बालकनी के किनारे से टकराकर उसकी दुखद मौत हो गई.