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IGI हादसे का कसूरवार कौन? 2009 या 2014 के बाद.. कब बना, किसने किया उद्घाटन

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दिल्ली में भारी बारिश की वजह से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट बड़ा हादसा हो गया. एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 की छत गिरने से 1 शख्स की मौत हो गई और कई घायल हो गए. सरकार ने मृतक के लिए 20 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है, जबकि घायलों को 3 लाख रुपए मिलेंगे. इस हादसे के बाद विमानों के परिचालन को स्थगित करना पड़ा है. अब इस एयरपोर्ट हादसे को लेकर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे ने एयरपोर्ट की छत गिरने को लेकर सरकार को घेरा है. जबकि सरकार ने भी पलटवार कर कहा है कि इसका निर्माण यूपीए सरकार में हुआ था.

फिलहाल, नागर विमानन मंत्री के राम मोहन नायडू की पूरी स्थिति पर नजर है. उन्होंने कहा कि देश के सभी एयरपोर्ट पर इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों. उन्होंने कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि इसे बहुत गंभीर घटना के रूप में लिया गया है. न केवल इस पर एयरपोर्ट की, बल्कि पूरे देश में जितने भी एयरपोर्ट हैं, हम उन सभी की फिर से जांच करेंगे. हम सभी एयरपोर्ट की गहन जांच करेंगे.’ बता दें कि छत के अलावा सहारा देने के लिए लगाए गए खंभे (सपोर्ट बीम) भी गिर गए, जिससे टर्मिनल के ‘पिक-अप और ड्रॉप एरिया’ में खड़ी कारें क्षतिग्रस्त हो गईं. ‘पिक-अप और ड्रॉप एरिया’ वह भाग है, जहां यात्रियों को लाने-ले जाने वाले वाहन खड़े होते हैं.

किसके समय बना छत का यह हिस्सा?
अब सवाल उठता है कि आखिर यह कब बना था और किसकी सरकार में बना था? सरकारी सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 की जिस छत का हिस्सा गिरा है, उसका निर्माण 2008-09 में हुआ था. इस काम को कंपनी जीएमआर ने निजी ठेकेदारों को ठेके पर दिया था. सूत्रों का दावा है कि इसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री शिला दीक्षित और प्रफुल्ल पटेल ने किया था. इसे लेकर सरकार और विपक्ष दोनों के अपने-अपने दावे हैं. सरकार का कहना है कि यह यूपीए सरकार में बना था तो कांग्रेस का कहना है कि इसका उद्घाटन साल 2024 के बाद पीएम मोदी के हाथों हुए. तो चलिए जानते हैं इस पर कांग्रेस और सरकार के बीच क्या आरोप-प्रत्यारोप चल रहे.

सरकार की ओर से क्या कहा गया?
एयरपोर्ट हादसे पर केंद्रीय एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने घटना स्थल का दौरा किया. उन्होंने कहा कि छत का जो हिस्सा गिरा है, वह 2009 में बना था. मंत्री ने कहा, ‘…हम इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं…मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन की गई इमारत दूसरी तरफ है, और यहां जो इमारत ढह गई, वह एक पुरानी इमारत है और 2009 में इसका उद्घाटन किया गया था.’ वहीं, भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा, ‘दिल्ली एयरपोर्ट टी1 का जो हिस्सा ढह गया, वह 2009 में बनकर तैयार हुआ था. उस वक्त कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सत्ता में थी. उन दिनों गुणवत्ता जांच की कोई अवधारणा नहीं थी. जो भी सत्तारूढ़ कांग्रेस को सबसे बड़ी रिश्वत भेजता था, उसे ठेके दे दिए जाते थे. सोनिया गांधी, जो उस समय सुपर पीएम थीं, को जवाब देना चाहिए.’

मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कहा?
वहीं, विपक्ष की ओर से कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे एक्स पर पोस्ट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर करप्शन की वजह से हादसा हुआ. उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल 1 शेड हादसा, जबरलपुर एयरपोर्ट रूफ कोलैप्स, अयोध्या की सड़कें, राम मंदिर लीकेज समेत अन्य हादसों को गिनाकर कहा कि ये सब मोदी सरकार के पिछले 10 साल में हुए करप्शन का ही परिणाम है. वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि मार्च में प्रधानमंत्री ने दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल-1 का उद्घाटन किया था. आज उसकी छत ढह गई, जिसमें एक कैब ड्राइवर की दुखद मृत्यु हो गई.

विपक्ष के और क्या आरोप
इसके अलावा, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि पहली बारिश में ही अयोध्या मंदिर परिसर बारिश के पानी से भर गया. हम पूरी अयोध्या को जलभराव की घटनाओं से जूझते हुए देख रहे हैं. पीएम मोदी ने मार्च में टर्मिनल का उद्घाटन किया था और कुछ ही महीनों में यह ध्वस्त हो गया. मौत और घायलों का जिम्मेदार कौन? जहां भी भाजपा की सरकार है, वहां भ्रष्टाचार का वास है. हमारे सभी विधायक और एमसीडी सदस्य जलभराव की समस्या के समाधान के लिए सक्रिय हैं. वहीं, कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि हादसा होने के बाद तो अश्विनी वैष्णव भी जाते हैं फोटो शूट कराने. ये फोटो शूट के अलावा और क्या करने गए हैं. जो मौत हुई है उसका जिम्मेदार कौन है?

आम आदमी को हो रही परेशानी
बहरहाल, दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल 1 के इस हिस्से को लकेर सियासत जारी है. दोनों पक्षों में तू-तू और मै-मैं चल रहा है. इस बीच आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. टर्मिनल 1 से जिन लोगों को उड़ान भरना था, अब उन्हें घर लौटना पड़ रहा है. क्योंकि टर्मिनल वन से उड़ान सेवाएं रद्द हैं. इंडिगो ने दोपहर बाद दो बजे तक अपनी सभी उड़ानें रद्द करने की घोषणा की है. उसने यात्रियों को वैकल्पिक उड़ान चुनने या पूरा रिफंड पाने के लिए लिंक उपलब्ध कराया है. वहीं स्पाइसजेट की उड़ानें सुबह 10.30 बजे के बाद से टर्मिनल 3 पर स्थानांतरित की गई हैं.