पेंड्रा। जिले के नगर में बना एकमात्र उद्यान इंदिरा उधान अपने बदहाल व्यवस्था की मार झेल रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी क़े नाम का यह उद्यान अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। एक तरफ जहां पूरी दुनिया मे पर्यावरण और वनों का संरक्षित करने की महिम चल रही है और संरक्षण और संवर्धन के लिए तरह तरह के जतन भी किये जा रहे है। मगर नवगठित जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले क़े पेंड्रा नगर में स्थित एकमात्र उद्यान प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार हो रहा है । प्रकृति प्रेमी यहाँ शुद्ध आवोहवा एवं सुकून की तलास के लिए यहाँ आते है, मगर उद्यान की जर्जर हालत प्रकृति प्रेमियों के लिए मायूसी का सबब बन चुका है। वहीं उधान में लगाए गए झूले टूट चुके है, जिसके कारण यहां खेलने आने वाले बच्चों क़े चेहरे में उदासी नजर आती है। पहले यहां विभिन्न प्रकार क़े जानवर भी रखे गए थे, लेकिन अब जानवरों क़े नाम पर आवारा कुत्ते ही यहां अपना डेरा जमाये हुए है।
इसके अलावा गार्डन में जगह जगह गन्दगी का आलम पसरा हुआ है, कई जगहों पर शराब की बोतले भी पड़ी हुई है, जिसको देखकर लगता है कि यह उद्यान अब आसामाजिक तत्वों और शराबियों का डेरा बन गया है। गार्डन की सुंदरता बढ़ाने क़े लिये लाखों रूपये खर्च कर फाउंटेन लगवाया गया था, वह भी अब शो पीस बन कर रह गया है। औऱ तो औऱ गार्डन में पीने क़े पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं बची है, पानी टंकी से नल ही गायब हो गए है जिससे यहां आने वाले इक्का दुक्का लोगों को अब पीने का पानी घर से लेकर ही आना पड़ता है। उद्यान में आने वाले पर्यटकों के लिए बनाए गए शौचालय का भी बुरा हाल है, यहां की गंदगी देख मन व्यथित हो जाता है। इंदिरा उद्यान में पर्यटकों के आकर्षण के लिए नौका विहार की शुरुआत भी की गई थी, यह सुविधा भी साल, दो साल में ही दम तोड़ दी, यहां अब नौका विहार के लिए बनाए गए जलाशय में ग्रामीण अपने जानवरों को नहलाने का काम करते हैं।
वही एक ओर जहां जंगलों में संरक्षण की बात की जाए तो आज जंगल वीरान होने की स्थिति में है। वहीं उद्यान में सरई के जंगल बहुतायात में है जिसकी लगातार अवैध कटाई का कार्य बदस्तूर जारी है। जिसकी कहानी पेड़ क़े कटे हुए ठूठ बंया कर रहे है।
यह प्रकृति प्रेमियों औऱ क्षेत्र के लोगों के लिए एकमात्र उद्यान है, जिसमें पूर्व में विभिन्न प्रकार के जानवर इस उद्यान में रखे गए थे और जिसका रखरखाव भी अच्छे से किया गया था, यह अपनी वर्तमान स्थिति की अपेक्षा पहले काफ़ी अच्छा था लेकिन अब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। जिला बनने के बाद भी इस पर शासन प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है। बावजूद इसके लोगों को उम्मीद है कि जिस तरह से आज अपनी बदहाली को लेकर यह उद्यान जीर्णोद्धार के लिए तरस रहा है, एक दिन फिर से इसका नए स्वरूप में विकास होगा, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकेगा।
जिस तरह से छत्तीसगढ़ सरकार ने नए जिले बनाने के साथ ही पर्यटन स्थल को लेकर कई घोषणाएं की थी, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सके। वहीं अब क्षेत्र के लोग इस इंदिरा उद्यान को भी एक पर्यटन स्थल के रूप में इसको विकसित करने की बात कह रहे हैं, जिसमें बच्चों से लेकर बड़े लोगों के लिए विभिन्न तरह की सुविधाएं इस उद्यान में होनी चाहिए।
वर्शन –
1. ईश्वरी खूंटे, वन परिक्षेत्र अधिकारी पेंड्रा।।
वहीं इंदिरा उद्यान का मामला हमारे संज्ञान में आ गया है, जल्दी ही इसकी व्यवस्था सुधार ली जायेगी। इंदिरा उद्यान आने वाले पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो, इसका भी ध्यान रखा जाएगा।