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सीबीएसई बोर्ड परीक्षा साल में 2 बार कैसे होगी? इसमें सबसे बड़ी चुनौती क्या है?

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एजुकेशन सिस्टम में कई तरह के बदलाव हो रहे हैं. नई शिक्षा नीति 2020 के साथ ही नए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) को भी लागू किया जा रहा. इसी के तहत साल में दो बार सीबीएसई बोर्ड परीक्षा आयोजित करवाने की तैयारी की जा रही है. हालांकि यह आसान नहीं होगा. बता दें कि सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूल विदेशों में भी हैं. ऐसे में देश-विदेश का शेड्यूल एक साथ फिक्स करने में काफी परेशानी हो सकती है.

विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सीबीएसई बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित करवाने के लिए 3 ऑप्शन पर चर्चा की जा रही है (CBSE Board Exam Twice a Year). केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सेमेस्टर सिस्टम पर भी विचार कर रहा है. सेमेस्टर सिस्टम में 6-6 महीनों के अंतराल पर साल में 2 बार परीक्षाएं होती हैं. बता दें कि मौजूदा एजुकेशन सिस्टम में सीबीएसई बोर्ड परीक्षा फरवरी से अप्रैल के बीच में आयोजित की जाती है.

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा किन महीनों में हो सकती है?
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा साल में दो बार कब से होगी, फिल्हाल इस पर कोई अपडेट नहीं है. दरअसल, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड इस बारे में अभी योजना बना रहा है. बता दें कि 3 संभावित ऑप्शन पर चर्चा की गई है. इनमें से एक यह है कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षा को कॉलेज की तरह सेमेस्टर सिस्टम में आयोजित किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो सीबीएसई 10वीं, 12वीं परीक्षा पहले जनवरी-फरवरी में और फिर दूसरी बार मार्च-अप्रैल में आयोजित की जा सकती है.

साल में दो बार परीक्षाएं आयोजित करवाने में क्या परेशानी है?
सीबीएसई देश का सबसे बड़ा एजुकेशन बोर्ड है. इसकी परीक्षाएं साल में दो बार करवाने के लिए काफी स्ट्रॉन्ग प्लानिंग और कोऑर्डिनेशन की जरूरत पड़ेगी. जानिए साल में 2 बार सीबीएसई बोर्ड परीक्षा आयोजित करवाने में क्या चैलेंज आएगा-

1- देश-विदेश के मौसम को देखते हुए समर और विंटर ब्रेक दिए जाते हैं. साल में दो बार परीक्षाएं होने का मतलब है कि उसमें भी बदलाव करना पड़ेगा.

2- स्टूडेंट्स की लिस्ट तैयार करने, नोटिफिकेशन जारी करने, प्रैक्टिकल्स और लिखित परीक्षा आयोजित करने, रिजल्ट, वेरिफिकेशन, पुनर्मूल्यांकन आदि में कम से कम 55 दिनों का समय लग जाएगा.

3- दोनों परीक्षाओं के बीच में पर्याप्त अंतर रखने की योजना बनानी होगी. इसके लिए टाइमटेबल बनाना आसान नहीं होगा.

4- सीबीएसई ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से कहा है कि मौजूदा प्रणाली में कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए 150 से ज्यादा चरणों की जरूरत है.