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डोनाल्ड ट्रंप को मारना चाहते हैं पाक-ईरान? US में आसिफ रजा ने उगले राज, कहा- ये मुस्लिमों को हर्ट कर रहे

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पाकिस्तान और ईरान डोनाल्ड ट्रंप की हत्या करना चाहते हैं? यह सवाल इसलिए क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रचने का आरोप एक ऐसे शख्स पर लगा है, जिसका कनेक्शन पाकिस्तान और ईरान दोनों से है. जी हां, ईरान से संबंध रखने वाले एक पाकिस्तानी नागरिक पर डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. अधिकारियों की मानें तो इस पाकिस्तानी नागरिक का ईरान से करीबी संबंध है. 46 वर्षीय पाकिस्तानी नागरिक पर मंगलवार को अमेरिकी धरती पर एक राजनेता (डोनाल्ड ट्रंप) और अमेरिकी सरकारी अधिकारियों की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया.

इस शख्स का नाम है आसिफ रजा मर्चेंट. उस पाकिस्तानी नागरिक पर ब्रुकलिन की संघीय अदालत में दायर एक शिकायत में आरोप लगाया गया कि उसने अमेरिकी धरती पर किसी राजनेता या अमेरिकी सरकारी अधिकारियों की हत्या की साजिश रची. आसिफ पर पैसे लेकर हत्या करने की साजिश का आरोप है. मंगलवार को जारी अदालती दस्तावेजों के अनुसार, इस मामले के बाद अमेरिकी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य अधिकारियों की सुरक्षा बढ़ा दी है. बता दें कि किसी भी हमले से पहले ही कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने आरोपी की साजिश को विफल कर दिया.

ट्रंप की हत्या करना चाहता था
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि एफबीआई के जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि ट्रंप और अमेरिकी सरकार के अन्य वर्तमान और पूर्व अधिकारी इस साजिश का निशाना थे. न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में संघीय अभियोजकों द्वारा दायर किए गए आरोपों के अनुसार, 46 वर्षीय आसिफ मर्चेंट पर आरोप है कि उसने न्यूयॉर्क शहर की यात्रा की और अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में हत्याओं को अंजाम देने के लिए एक शूटर के साथ काम किया.

कब गिरफ्त में आया आसिफ?
प्रोसिक्यूटर यानी अभियोजकों ने बताया कि आसिफ मर्चेंट को 12 जुलाई को तब गिरफ्तार किया गया, जब वह अमेरिका छोड़ने की फिराक में था. इससे कुछ देर पहले ही वह कथित तौर पर उन शूटरों से मिला था, जिनके बारे में उसका मानना ​​था कि वे हत्याओं को अंजाम देंगे. मगर हकीकत में वे अंडरकवर कानून प्रवर्तन अधिकारी थे. वह अभी संघीय हिरासत में है.

मुस्लिमों को लेकर क्या कहा?
अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, आसिफ मर्चेंट ने कहा कि वह अमेरिका में उन लोगों को निशाना बनाना चाहता था जो ‘पाकिस्तान और दुनिया, खासकर मुस्लिम दुनिया को नुकसान पहुंचा रहे हैं. ये कोई आम लोग नहीं हैं.’ हालांकि, जांचकर्ताओं को इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि मर्चेंट का पेंसिल्वेनिया में ट्रंप पर हुई गोलीबारी से कोई संबंध था.